सऊदी अरब में आज धुल हिजाह का चांद देखा गया है. धुल हिज्जा महीना 19 जून से शुरू होगा और ईद उल-अज़हा 28 जून को मनाया जाएगा.
BREAKING: The Crescent for the month of Dhul Hijjah 1444 was sighted today!Day of Hajj will be on Tuesday, 27 June and Eid Al Adha 🐐 on Wednesday, 28 June 2023. pic.twitter.com/1g9RUpNXsr— Inside the Haramain (@insharifain) June 18, 2023
संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान, जॉर्डन, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और कई अन्य देशों के मुसलमान आज शाम चांद देखने की कोशिश की. मग़रिब की नमाज़ के बाद ज़ुल हिज्जा का चाँद देखा गया है या नहीं, इस बारे में एक घोषणा की जाएगी. इसके बाद ईद अल-अधा 2023 की तारीख का ऐलान किया जाएगा. इंडोनेशिया और मलेशिया में आज चांद नहीं देखा गया, इसलिए धुल हिज्जा 20 जून से शुरू होगा. इंडोनेशिया और मलेशिया में मुसलमान 29 जून को ईद अल-अधा मनाएंगे.
सऊदी अरब में आज ईद-उल-अजहा के चांद को देखने की कोशिश की जा रही है.
Saudi 🇸🇦 Moon observers are preparing to sight the crescent for the month of Dhul Hijjah at the Hotat Sudair observatory. pic.twitter.com/cg6yc4I7qY— Life in Saudi Arabia (@LifeSaudiArabia) June 18, 2023
कई देशों में वर्धमान चांद नहीं देखा गया इसलिए ब्रुनेई, मलेशिया और इंडोनेशिया में ईद उल अधा का पहला दिन 29 जून को घोषित किया गया है. इस्लाम में सबसे पवित्र माना जाने वाला अराफा 28 जून को मनाया जाएगा.
सऊदी अरब में बकरीद से जुड़ी परंपराएं पूरी की जाती है. पहले उमराह में इहराम, तवाफ, सई आदि की जाती है. इसके बाद लोग जबल उर रहमा नाम की पहाड़ी के पास इकट्ठा होते हैं. फिर अराफात और मीना के बीच स्थित मुजदलफा जाते हैं हाजी. वहां वे आधी रात तक रहते हैं और शैतान को मारने के लिए पत्थर जमा करते हैं. पत्थर मारने की परंपरा ईद के एक दिन पहले की जाती है. अगले ही दिन ईद उल अजहा (बकरीद) मनाई जाती है. इसके बाद तीन दिन तक पत्थर मारने की रस्म निभाई जाती है. पहली बार पत्थर मारने के बाद बकरे हलाल किए जाते हैं. वहीं अन्य जगहों पर भी इस्लाम के नियमों के अनुसार, बकरीद मनाई जाती है.
Dhul Hijjah Moon Sighting, Dhul Hijjah Crescent in KSA UAE: दुनियाभर में लोग बकरीद यानी ईद अल-अज़हा या ईद उल-अज़हा मनाने की तैयारी कर रहे हैं. बकरीद पर सबसे ज्यादा चर्चा दुनिया में सऊदी अरब (Bakrid In Saudi Arabia) की होती है, क्योंकि बकरीद पर यहां अलग अलग देश के लोग जुटते हैं और ईद मनाते हैं.
आज सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, अन्य देशों में मुसलमान बकरा ईद की तारिख तय करने के लिए धुल हिज्जा के वर्धमान चांद को देखने की तैयारी कर रहे हैं. अगर आज चांद नजर आ जाता है तो, आज से 10 दिन बाद बकरीद (Bakrid) का त्योहार मनाया जाएगा. Eid al-Adha 2023: भारत में ईद उल अजहा कब है? जानें बकरीद की तिथि और कुर्बानी के इस पर्व का महत्व
बकरीद इस्लाम धर्म में काफी महत्व रखता है. इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के बारहवें महीने जु-अल-हज्जा की पहली तारीख को चांद नजर आ जाता है, इसलिए इस महीने के दसवें दिन ईद-उल-अजहा (बड़ी ईद) का त्योहार मनाया जाता है.
जु-अल-हज्जा का चांद दिखने के दसवे दिन क़ुरबानी का त्योहार मनाया जायेगा. इस्लाम में इस दिन अल्लाह के नाम पर कुर्बानी देने के परंपरा निभाई जाती है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करने के बाद अल्लाह की इबादत में बकरे की कुर्बानी देते हैं.
कई देशों में सऊदी अरब के हिसाब से ही ईद मनाई जाती है. जिस दिन सऊदी अरब में चांद दिख जाता है, उसके अलग दिन ही कई देश कुर्बानी का त्योहार मनाया जाता हैं. वहीं, कुछ देशों में अपने यहां चांद दिखने के हिसाब से ईद मनाते हैं. भारत की बात करें तो यहां आमतौर पर सउदी अरब के एक दिन बाद चांद दिखता है और अगले दिन ईद मनाई जाती है.