Eid Mubarak 2023 Messages in Hindi: इस्लाम धर्म के सबसे पाक महीने रमजान (Ramzan) में रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करने के बाद आज यानी 22 अप्रैल 2023 को दुनिया भर के मुसलमान ईद का जश्न (Eid Celebration) मना रहे हैं, जिसे ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr), ईद-अल-फितर (Eid-al-Fitr), मीठी ईद (Meethi Eid) और रमजान ईद (Ramzan Eid) जैसे कई नामों से जाना जाता है. रमजान इस्लामिक हिजरी कैलेंडर का नौंवा महीना है, जिसे बरकतो, रहमतों और अल्लाह की इबादतों वाला पाक महीना माना जाता है. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं, क्योंकि कहा जाता है इस पाक महीने में उल्लाह अपने बंदों के लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं और उनकी हर दुआ कुबूल होती है, इसलिए अधिकांश मुसलमान अपना ज्यादा से ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में गुजारते हैं.
माह-ए-रमजान के दौरान 29वें या 30वें रोजे की शाम शव्वाल (Shawwal) का चांद नजर आने के बाद अगली सुबह ईद मनाई जाती है. इस दिन सुबह ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा करने के बाद लोग एक-दूसरे से गले मिलकर ईद मुबारक कहते हैं. ऐसे में आप भी इस खास अवसर पर ईद-उल-फितर की इन हिंदी मैसेजेस, शायरी, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस के जरिए मुबारकबाद दे सकते हैं.
1- ईद का त्योहार आया है,
खुशियां अपने संग लाया है,
खुदा ने दुनिया को महकाया है,
देखो फिर से ईद का त्योहार आया है.
ईद मुबारक!
2- चांद से रोशन हो त्योहार तुम्हारा,
खुशी से भर जाए आंगन तुम्हारा,
हर शिकायत हो दूर तुम्हारी,
ईद पर बस यही है दुआ हमारी.
ईद मुबारक!
3- तमन्ना आपकी सब पूरी हो जाए,
हो आपका मुकद्दर इतना रोशन,
कि आमीन कहने से पहले ही,
आपकी हर दुआ कुबूल हो जाए.
ईद मुबारक!
4- दीपक में अगर नूर ना होता,
तन्हा दिल यूं मजबूर ना होता,
मैं आपको ईद मुबारक कहने जरूर आता,
अगर आपका घर इतना दूर ना होता.
ईद मुबारक!
5- हर मंजिल आपके पास आ जाए,
हर दुख-दर्द आपसे दूर हो जाए,
इस ईद पर हम करते हैं ये दुआ कि,
आप पर खुशियों की बौछार हो जाए.
ईद मुबारक!
गौरतलब है कि दुनिया भर के मुसलमान ईद को रोजा रखने के एवज में अल्लाह से ईनाम में मिला त्योहार मानते हैं, जो शव्वाल की पहली तारीख को मनाया जाता है. आपको बता दें कि हिजरी कैलेंडर में नए महीने की शुरुआत चांद के दीदार से होती है और ईद का चांद नजर आने के बाद ही ईद मनाई जाती है. दरअसल, रमजान के पूरे महीने लोग सूर्योदय से पहले सहरी करके रोजे की शुरुआत करते हैं और शाम को सूर्यास्त के बाद इफ्तार करके रोजा खोलते हैं, फिर शव्वाल का चांद नजर आने के बाद ईद का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.