नई दिल्ली: इस्लाम धर्म में ईद का पर्व बहुत ही पवित्र माना जाता है. रमजान के पाक महीने के बाद मनाया जाता है ईद उल फितर का त्योहार. यह त्यौहार शांति और अमन का संदेश देता है. रमजान के रोजे के बाद ईद आता है. जिसके साथ ही रोजे खत्म हो जाते है. बताना चाहते है कि ईद का संबंध चांद से बहुत अधिक है. अगर चांद दिखा तो दूसरे दिन ईद मनाई जाएंगी. इस साल 15 या फिर 16 मई को ईद पड़ रही है. जो कि चांद के दिखने पर ही निर्भर है. अगर 14 मई की रात को भारत में चांद दिख गया तो 15 को ईद मनाई जाएगी. वहीं सउदी अरेबिया में भी आज चांद देखा जाएगा और शुक्रवार को ईद मनाई जा सकती है. ईद कब मनाई जाएगी यह आज शाम चांद दिखने पर तय किया जाएगा.
गौरतलब है कि पिछले साल सऊदी अरब में 25 जून को ईद-उल फितर मनाए जाने के बाद 26 जून को भारत में ईद मनाई गई थी. ईद का चांद दिखने के बाद सभी ईद की तैयारियों में व्यस्त हो जाते हैं.
बताना चाहते है कि ‘मीठी ईद‘ भी कहा जाने वाला यह पर्व खासतौर पर भारतीय समाज के ताने-बाने और उसकी भाईचारे की सदियों पुरानी परंपरा का वाहक है. इस दिन विभिन्न धर्मों के लोग गिले-शिकवे भुलाकर एक दूसरे से गले मिलते हैं और सेवइयां अमूमन उनकी तल्खी की कड़वाहट को मिठास में बदल देती हैं.