Eid-E-Milad 2020: मुसलमान पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मोत्सव की खुशी में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (ईद-ए-मिलाद) मनाया जाता है. इस्लामिक मान्यतानुसार इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म हुआ था, जिन्हें इस्लाम धर्म का संस्थापक माना जाता है. सुन्नी मुसलमान इस दिन हजरत मोहम्मद के पवित्र वचनों को पढ़ते हैं और याद करते हैं, जबकि शिया मुसलमान खुद को मुहम्मद पैगंबर का उत्तराधिकारी मानते हैं. इस दिन मजलिसें लगाई जाती हैं. मस्जिदों में नमाज़ें अदा की जाती हैं. मुस्लिम समाज भारी संख्या में पैगंबर मोहम्मद द्वारा दिए पवित्र संदेशों को पढ़ता एवं सुनता है. पैगंबर साहब के अनमोल उपदेश उनकी महानता को दर्शाती है. आइये पैगंबर मुहम्मद साहब के कुछअनमोल एवं पवित्र संदेशों के बारे में जानें...
* अल्लाह उससे मोहब्बत करता है जो उसके बन्दों के साथ भलाई करता है.
* जो प्राणियों पर रहम करता है, अल्लाह उस पर रहम करता है.
* जो व्यक्ति कदम उठाए ज्ञान पाने के लिए, उसके कदम उठाने से पहले उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं.
* अल्लाह के सभी प्राणी उसका परिवार हैं.
* अल्लाह सबसे अधिक उसे चाहता है, जो अल्लाह के प्राणियों की भलाई करता है.
* मजदूर को उसका मेहनताना, उसके पसीने के सूखने से पहले दे दें.
* यदि तुम अल्लाह से प्रेम करते हो तो उसकी सृष्टि से भी प्रेम करो.
* वह आदमी जन्नत में दाखिल नहीं हो सकता, जिसके दिल में घमंड का एक कण भी मौजूद हो.
* जिसके पास एक दिन और एक रात का भी खाना है, उसके लिए भीख मांगना मना है.
* सबसे अच्छा मुसलमान घर वह है, जहां यतीम पलता है.
* सबसे बुरा मुसलमान घर वह है, जहां यतीम के साथ दुर्वव्यवहार किया जाता है.
* भूखे को खाना दो, बीमार की देखभाल करो, कोई अनुचित रूप से बंदी बनाया गया है तो उसे मुक्त करो.
* आफत के मारे प्रत्येक व्यक्ति की सहायता करो, भले ही वह मुसलमान हो या गैर मुस्लिम.
* जो ज्ञान की खोज में घर-बार छोड़ देता है, वह अल्लाह के रास्ते पर चलता है.
* सबसे अच्छा आदमी वह है, जिससे मानवता की भलाई होती है.
* जो ज्ञान का आदर करता है, वह मेरा आदर करता है.
* विद्वान की कलम की स्याही, शहीद के खून से अधिक पाक है.
* अत्यधिक ज्ञान अत्याधिक इबादत से बेहतर है, दीन का आधार संयम है.
* ज्ञान को ढूंढने वाला अज्ञानियों के बीच, वैसा ही है जैसे मुर्दों के बीच जिंदा.
* ज्ञानियों के साथ बैठना सच्ची इबादत है.