Eid Mubarak 2024 Messages in Hindi: ईद-उल-फितर (Eid ul-Fitr) यानी ईद (Eid) के पर्व का इस्लाम धर्म में विशेष महत्व है, जिसे ईद-अल-फितर (Eid al-Fitr), रमजान ईद (Ramzan Eid) और मीठी ईद (Meethi Eid) भी कहा जाता है. इस पर्व को रमजान के मुकद्दस महीने के समापन के साथ चांद का दीदार करने के बाद मनाया जाता है. इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के अनुसार, शव्वाल महीने (10वां महीना) के पहले दिन ईद का पर्व दुनिया भर में धूमधाम से मनाया जाता है. ईद को रोजा के पूरा होने का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि माह-ए-रमजान में मुस्लिम समुदाय के लोग 29 या फिर 30 रोजे रखते हैं, फिर ईद के चांद का दीदार करने के बाद अपने रोजे का समापन करते हैं. खुशियों के इस पर्व को सेलिब्रेट करने के लिए लोग नए-नए कपड़े पहनते हैं, घरों में मीठी सेवइयों के साथ स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं. इस दिन अल्लाह की इबादत करके फितरा देने की परंपरा निभाई जाती है, जिसे रोजा का सदका माना जाता है.
ईद की सही तारीख का ऐलान चांद के दीदार करने के बाद ही निर्धारित की जाती है. ऐसे में इस साल भारत में 11 अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जा रहा है. ईद के इस पर्व की लोग गले मिलकर एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं. इस खास मौके पर आप भी इन शानदार हिंदी मैसेजेस, शायरी, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और वॉट्सऐप विशेज को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर कर उन्हें ईद-अल-फितर मुबारक कह सकते हैं.
1- रमजान में ना मिल सके,
ईद में नजरें ही मिला लूं,
हाथ मिलाने से क्या होगा,
सीधा गले से लगा लूं.
ईद मुबारक!
2- समुद्र को उसका किनारा मुबारक,
चांद को उसका सितारा मुबारक,
फूलों को उसकी खुशबू मुबारक,
दिल को उसका दिलदार मुबारक,
और आपको ईद का त्योहार मुबारक.
ईद मुबारक!
3- ऐ रूठे हुए दोस्त मुझे बस इतना बता दे,
क्या मुझसे गले मिलने का अब मन नहीं होता,
बच्चों की तरह दौड़ कर आ सीने से लग जा मेरे,
ये ईद का दिन है, इस दिन कोई दुश्मन नहीं होता.
ईद मुबारक!
4- ये दुआ मांगते हैं हम आज के दिन,
बाकी न रहे कोई गम आज के दिन,
आपके आंगन में उतरे खुशियों भरा चांद,
और महकता रहे फूलों का चमन आज के दिन.
ईद मुबारक!
5- सदा हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल,
दुनिया के सारे गम तुम जाओ भूल,
चारों तरफ फैलाओ खुशियों के गीत,
इसी उम्मीद के साथ मुबारक हो ईद.
ईद मुबारक!
ईद के पर्व को त्याग और सद्भावना का प्रतीक माना जाता है. इस दिन अल्लाह की इबादत करने के साथ-साथ फितरा करने का भी विशेष महत्व होता है. जकात की तरह ही ईद के दिन जकात अल-फितर किया जाता है. फितरा में सवा दो किलो गेहूं या फिर उसके बराबर पैसे गरीबों या जरूरतमंदों को दान किया जाता है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, रमजान के पाक महीने में उल्लाह अपने बंदों के लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं और उनकी हर दुआ कुबूल होती है, इसलिए अधिकांश मुसलमान माह-ए-रमजान में रोजा रखकर अपना ज्यादा से ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में गुजारते हैं.