Durga Puja 2023 Messages in Hindi: यूं तो देश के विभिन्न हिस्सों में शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) का नौ दिवसीय उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है, लेकिन पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, ओडिशा, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों में आज यानी 20 अक्टूबर 2023 से पांच दिवसीय दुर्गा पूजा (Durga Puja) उत्सव की शुरुआत हो गई है. कहीं रामलीला का मंचन किया जा रहा है तो कहीं डांडिया और गरबा की धूम देखने को मिल रही है, वहीं दुर्गा पूजा यानी दुर्गा पूजो (Durga Pujo) को लेकर बंगाली समुदाय के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. दरअसल, पांच दिवसीय दुर्गा पूजा की शुरुआत शारदीय नवरात्रि की महा षष्ठी (Maha Shashti) यानी अश्विन शुक्ल षष्ठी से होती है और इसका समापन अश्विन शुक्ल दशमी यानी विजयादशमी के पर्व के साथ होती है. इस साल विजयादशमी (Vijayadashami) का त्योहार 24 अक्टूबर 2023 को मनाया जा रहा है.
शारदीय नवरात्रि के उत्सव को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है. नवरात्रि और दुर्गा पूजा को अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, इसलिए आप इन भक्तिमय मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स, फोटो एसएमएस के जरिए दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- लक्ष्मी का हाथ हो,
सरस्वती का साथ हो,
गणेश का निवास हो,
और मां दुर्गा के आशीर्वाद से,
आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो.
दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं
2- मां का सजा है कितना निराला दरबार,
मां सुनती है सब भक्तों की पुकार,
पूरे कर दो सारे हमारे अरमान,
इतनी दूर से आए हैं हम मां तेरे द्वार.
दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं
3- जब-जब याद किया तुझे ऐ मां,
तूने आंचल में अपने आसरा दिया,
कलयुगी इस जहां में,
एक तूने ही सहारा दिया.
दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं
4- लाल रंग की चुनरी से सजा मां का दरबार,
हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार,
नन्हें-नन्हें कदमों से मां आएं आपके द्वार,
इस दुर्गा पूजा यही हैं हमारी दुआ...
दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं
5- हो जाओ तैयार, मां अम्बे आने वाली है,
सजा लो दरबार मां अम्बे आने वाली हैं,
तन, मन और जीवन हो जाएगा पावन,
मां के कदमों की आहट से गूंज उठेगा आंगन
दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं
इस पर्व से जुड़ी प्रचलित मान्यता के अनुसार, महिषासुर नामक असुर का संहार करने के लिए त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने देवी दुर्गा को प्रकट किया था, फिर देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ और दसवें दिन यानी अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को देवी दुर्गा ने महिषासुर का संहार कर इस संसार को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी. कहा जाता है कि महालया के दिन मां दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती पर अपने भक्तों के बीच आती हैं, इसलिए महालया के अगले दिन यानी अश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि शुरु हो जाती है, जबकि दुर्गा पूजा की शुरुआत अश्विन शुक्ल षष्ठी से होती है.