Durga Puja 2022 Messages in Hindi: एक तरफ जहां देशभर में मां दुर्गा (Maa Durga) की उपसना के महापर्व शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की धूम मची हुई है तो वहीं पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, ओडिशा, झारखंड और बिहार जैसे राज्यो में आज यानी 1 अक्टूबर 2022 से दुर्गा पूजा (Durga Puja) उत्सव की शुरुआत हो गई है. दुर्गा पूजा को लेकर बंगाली समुदाय (Bengali Community) के लोगों में खासा जोश और उत्साह देखने को मिलता है. इस पर्व से जुड़ी प्रचलित मान्यता के अनुसार, महिषासुर नामक असुर का संहार करने के लिए त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने देवी दुर्गा को प्रकट किया था, फिर देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ और दसवें दिन यानी अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को देवी दुर्गा ने महिषासुर का संहार कर इस संसार को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी, इसलिए दुर्गा पूजा के पर्व को अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है.
पांच दिवसीय दुर्गा पूजा की शुरुआत शारदीय नवरात्रि की महा षष्ठी यानी अश्विन शुक्ल षष्ठी से होती है. खासकर बंगाली समुदाय के लोग इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं, साथ ही एक-दूसरे को बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप भी इस अवसर पर इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स और फोटोज को भेजकर प्रियजनों से शुभ दुर्गा पूजा कह सकते हैं.
1- मां का सजा है कितना निराला दरबार,
मां सुनती है सब भक्तों की पुकार,
पूरे कर दो सारे हमारे अरमान,
इतनी दूर से आए हैं हम मां तेरे द्वार.
शुभ दुर्गा पूजा
2- हो जाओ तैयार, मां अम्बे आने वाली है,
सजा लो दरबार मां अम्बे आने वाली हैं,
तन, मन और जीवन हो जाएगा पावन,
मां के कदमों की आहट से गूंज उठेगा आंगन
शुभ दुर्गा पूजा
3- लाल रंग की चुनरी से सजा मां का दरबार,
हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार,
नन्हें-नन्हें कदमों से मां आएं आपके द्वार,
इस दुर्गा पूजा यही हैं हमारी दुआ...
शुभ दुर्गा पूजा
4- जब-जब याद किया तुझे ऐ मां,
तूने आंचल में अपने आसरा दिया,
कलयुगी इस जहां में,
एक तूने ही सहारा दिया.
शुभ दुर्गा पूजा
5- लक्ष्मी का हाथ हो,
सरस्वती का साथ हो,
गणेश का निवास हो,
और मां दुर्गा के आशीर्वाद से,
आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो.
शुभ दुर्गा पूजा
गौरतलब है कि शारदीय नवरात्रि के उत्सव को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि महालया के दिन मां दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती पर अपने भक्तों के बीच आती हैं, इसलिए महालया के अगले दिन यानी अश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि शुरु हो जाती है, जबकि दुर्गा पूजा की शुरुआत अश्विन शुक्ल षष्ठी से होती है और इस पांच दिवसीय उत्सव का समापन विजयादशी के दिन होता है. इस साल विजयादशमी का त्योहार 5 अक्टूबर को मनाया जा रहा है.