Diwali 2023 Maa Lakshmi Ki Aarti: दीपावली की पूजा के बाद इस आरती से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न, हर मनोकामना होगी पूरी (Watch Video)
मां लक्ष्मी की आरती (Photo Credits: File Image)

Diwali 2023 Maa Lakshmi Ki Aarti: जगमग दीयों की रोशनी और मिठाइयों की मिठास और रंग-बिरंगी रंगोली से सराबोर दिवाली के पर्व (Diwali Festival) को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिलता है. हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले तमाम त्योहारों में पांच दिवसीय दिवाली (Diwali) का विशेष महत्व बताया जाता है. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से लेकर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक मनाए जाने वाले इस पर्व का हर एक दिन एक विशेष त्योहार को समर्पित होता है. हालांकि दिवाली का सबसे मुख्य पर्व दीपावली (Deepawali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को सेलिब्रेट होता है. ऐसी मान्यता है कि दीपावली के दिन ही मां लक्ष्मी (Maa Lakshami) प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है.

कार्तिक अमावस्या को प्रदोष काल में माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं, लेकिन आरती के बिना कोई भी पूजा पूरी नहीं होती है, इसलिए लक्ष्मी पूजन के बाद मां लक्ष्मी की आरती की जाती है. दीपावली पूजन के बाद माता लक्ष्मी की विशेष आरती से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं मां लक्ष्मी की आरती के रिलिक्स और वीडियो, जो पूजा आखिर में आरती के समय आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं.

माता लक्ष्मी की आरती

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।।

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

मैया तुम ही जग-माता।।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

मैया सुख संपत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।

मैया तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता।

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

मैया सब सद्गुण आता।

सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

मैया वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता।

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।

मैया क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता।

मैया जो कोई नर गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

ऊं  जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

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ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान राम (Bhagwan Ram) लंका पर विजय प्राप्त करके और अपने 14 वर्षों के वनवास को समाप्त करने के बाद अयोध्या वापस लौटे थे. भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के अयोध्या वापस लौटने की खुशी में नगरवासियों ने दीप जलाए थे. कहा जाता है कि दीपावली यानी लक्ष्मी पूजन पर विधि-विधान से धन व ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से वे प्रसन्न होती हैं और घर में स्थायी तौर पर निवास करती हैं.