Lord Buddha Quotes In Hindi: आज देश में धर्म चक्र दिवस (Dharma Chakra Day) मनाया जा रहा है, इस दिन भगवान गौतम (Lord Gautam Buddha) बुद्ध द्वारा दिए गए उपदेशों को याद किया जाता है. इस दिवस का आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की साझेदारी में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (International Buddhist Confederation) द्वारा आयोजित किया जाता है. इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने सुबह 9 बजे राष्ट्रपति भवन में धर्म चक्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी देशवासियों को आषाढ़ पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा के अवसर पर संबोधित करते हुए भगवान बुद्ध को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी 8 शिक्षाओं का जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा बुद्ध द्वारा दिखाए गए आठ मार्ग (Eight-Fold Path) ने कई समाजों और राष्ट्रों को कल्याण की दिशा दिखाई है.
कहा जाता है कि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को अपना पहला उपदेश दिया था, इसलिए इसे धर्म चक्र दिवस के रूप में मनाया जाता है, जबकि हिंदू धर्म के लोग इस दिवस को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाते हैं. इस साल कोरोना वायरस महामारी के कारण भव्य तरीके से इस पर्व को नहीं मनाया जा रहा है, लेकिन इस अवसर पर आप अपने प्रियजनों को महात्मा बुद्ध के महान विचारों को सोशल मीडिया के जरिए भेजकर उन्हें याद कर सकते हैं.
1- "जीवन में आप चाहें कितनी भी अच्छी किताबें क्यों न पढ़ लें, लेकिन जब तक आप उनको अपने जीवन में नहीं अपनाते, तब तक उसका कोई फायदा नहीं होगा."
2- "क्रोध में हजारों शब्दों को गलत बोलने से अच्छा है कि मौन रहें, यह जीवन में शांति लाता है."
3- "बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती. इसे तो केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है, यह एक अटूट सत्य है."
4- " भविष्य के सपनों में खोने और भूतकाल में उलझे रहने की बजाय वर्तमान पर ध्यान दें. जीवन में खुश रहने का यही एक सही रास्ता है."
5- "किसी भी हालात में तीन चीजें कभी भी छुपी नहीं रह सकती, वो हैं- सूर्य, चंद्रमा और सत्य."
गौरतलब है कि महात्मा बुद्ध के उपदेश करुणा और दया के महत्व पर प्रकाश डालते हैं. उनकी शिक्षाएं विचार और क्रिया दोनों में सरलता लाती हैं. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि बौद्ध धर्म लोगों को आदर करना सिखाता है. लोगों के लिए आदर करना, गरीबों के लिए आदर रखना, महिलाओं को आदर देना. शांति और अहिंसा का आदर करने की सिख देता है, इसलिए बुद्ध द्वारा दी गई शिक्षाएं आज भी प्रसांगिक हैं.