Dhammachakra Pravartan Din 2024 Wishes: धम्मचक्र प्रवर्तन दिन की इन WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
हर साल दीक्षाभूमि पर हजारों बौद्ध अनुयायी धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस मनाने के लिए आते हैं, जो हर किसी को आंबेडकर की विरासत, सामाजिक न्याय और समानता के लिए उनके संघर्ष की याद दिलाता है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Dhammachakra Pravartan Din 2024 Wishes: हर साल 14 अक्टूबर को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस (Dhammachakra Pravartan Din) मनाया जाता है. इस दिवस को भारतीय संविधान (Indian Constitution) के रचयिता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (Dr. Babasaheb Ambedkar) द्वारा हिंदू धर्म को त्यागकर बौद्ध धर्म (Buddhism) अपनाने की याद में मनाया जाता है. डॉ. बीआर आंबेडकर (Dr. B.R. Ambedkar) ने 14 अक्टूबर 1956 को महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागपुर (Nagpur) में दीक्षाभूमि पर बौद्ध धर्म को अपनाया था. इस महत्वपूर्ण घटना को याद करने के लिए हर साल पूरे देश में धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, डॉ. अंबेडकर ने 1956 में दशहरा यानी विजयादशमी के दिन बौद्ध धर्म अपनाया था, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इसे 14 अक्टूबर को मनाया जाता है. यह दिन उत्पीड़न और अन्याय पर जीत का प्रतीक है.
हर साल दीक्षाभूमि पर हजारों बौद्ध अनुयायी धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस मनाने के लिए आते हैं, जो हर किसी को आंबेडकर की विरासत, सामाजिक न्याय और समानता के लिए उनके संघर्ष की याद दिलाता है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस
धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस
धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस
धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस
धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस
गौरतलब है कि 14 अक्टूबर 1956 को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने करीब 4 लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म को अपनाया था. नागपुर में जिस स्थान पर दीक्षा समारोह आयोजित किया गया था, उसे बाद में दीक्षा भूमि नाम दिया गया. इस दिन देश में दलित आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में जाना जाता है. यह दिवस लोगों को जाति, धर्म और अन्य सामाजिक कारकों के आधार पर भेदभाव के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करता है.