Dev Deepawali 2021 Messages in Hindi: कार्तिक अमावस्या की दीपावली (Deepawali) के बाद 15वें दिन कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर देव दीपावली (Dev Deepawali) मनाई जाती है. इस पर्व से जुड़ी प्रचलित कथा के अनुसार, त्रिपुरासुर नामक असुर भाइयों की तिकड़ी के आतंक से सभी देवता त्रस्त हो गए थे और इसके निवारण के लिए वो भगवान शिव (Lord Shiva) की शरण में पहुंचे, तब महादेव ने त्रिपुरारी अवतार लेकर त्रिपुरासुर का अंत करके देवताओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही महादेव ने त्रिपुरासुर का संहार किया था, इसलिए देवता उस दिन महादेव की नगरी काशी (Kashi) पहुंचे थे और दीये प्रज्जवलित करके देव दीपावली मनाई थी. कहा जाता है कि देव दीपावली मनाने की परंपरा तब से चली आ रही है और इस पावन तिथि पर काशी के सभी घाटों को दीयों की रोशनी से रोशन किया जाता है.
शिव की नगरी काशी की देव दीपावली विश्व प्रसिद्ध है और भगवान शिव के त्रिशूल पर बसी काशी में उत्तर वाहिनी गंगा के 84 घाट दीये की रोशनी से जगमगा उठते हैं. देव दिवाली की लोग एक-दूसरे को शुभकामना संदेशों के जरिए बधाई भी देते हैं. आप भी इस खास अवसर पर इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप विशेज के जरिए अपनों को शुभ देव दीपावली कहकर इसका जश्न मना सकते हैं.
1- दीयों की रोशनी से झिलमिलाता आंगन हो,
पटाखों की गूंज से आसमान रोशन हो,
ऐसी आए झूम के ये देव दिवाली,
कि हर तरफ खुशियों का मौसम हो.
शुभ देव दीपावली
2- मुस्कुराते-हंसते दीप तुम जलाना,
जीवन में नई खुशियों को लाना,
दुःख दर्द अपने भूलकर,
सबको गले लगाना, सबको गले लगाना.
शुभ देव दीपावली
3- प्यार की बंसी बजे,
प्यार की बजे शहनाई,
खुशियों के दीप जले,
दुख कभी न ले अंगड़ाई.
शुभ देव दीपावली
4- गंगा आरती,
घाटों पर शंखनाद,
शिव के मंत्रों का उद्घोष,
कितना अद्भुत और प्रभुल्लित,
करने वाला है ये धार्मिक वातावरण.
आइए मिलकर आराधना करें,
और मनाएं देव दिवाली...
शुभ देव दीपावली
5- हर दम खुशियां हो साथ,
कभी दामन न हो खाली,
हम सबकी तरफ से,
विश यू हैप्पी देव दिवाली.
शुभ देव दीपावली
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाने के लिए देवी-देवता पृथ्वी पर भगवान शिव की नगरी काशी आते हैं. इस दिन गंगा नदी में स्नान के साथ दान-पुण्य और दीपदान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. देव दीपावली की रात भारी तादात में लोग गंगा नदी के तट पर गंगा आरती में भाग लेने के लिए आते हैं. इसके साथ ही सभी घाटों को दीयों से रोशन किया जाता है और दीपदान करके इस पर्व को मनाया जाता है.