Choti Diwali 2023 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली (Choti Diwali) का त्योहार मनाया जाता है. पांच दिवसीय दिवाली (Diwali) पर्व के दूसरे दिन मनाई जाने वाली छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi), काली चौदस (Kali Chaudas), भूत चतुर्दशी (Bhoot Chaturdashi) और रूप चौदस (Roop Chaudas) जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. इस साल छोटी दिवाली का त्योहार 11 नवंबर 2023 को मनाया जा रहा है. दीपावली (Deepawali) यानी लक्ष्मी पूजन (Laxmi Pujan) से एक दिन पहले मनाए जाने वाले इस त्योहार के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान है. छोटी दिवाली की शाम को एक दीपक जलाकर घर का कोई बड़ा सदस्य पूरे घर में घूमाता है और घर से दूर उस दीये को रखकर आता है. इस दीपक को यम का दीपक कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन यमराज के निमित्त दीपदान करने से अकाल मृत्यु और यम यातना का भय दूर होता है.
छोटी दिवाली को सौंदर्य प्राप्ति और आयु प्राप्ति का दिन भी माना जाता है. अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत के पांच दिवसीय उत्सव के दूसरे दिन लोग छोटी दिवाली की शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं. ऐसे में आप भी इस खास अवसर पर इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- दीप जगमगाएं,
खुशियां झिलमिलाएं,
इस दिवाली के त्योहार पर,
लक्ष्मी जी आपके घर आएं...
छोटी दिवाली की शुभकामनाएं
2- पल पल सुनहरे फूल खिले,
कभी न हो कांटो का सामना,
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे,
छोटी दिवाली पर है यही मनोकामना.
छोटी दिवाली की शुभकामनाएं
3- सुख-संपदा आपके जीवन में आए,
लक्ष्मी जी आपके घर में समाएं,
भूल कर भी आपके जीवन में,
कभी दुःख न आए...
छोटी दिवाली की शुभकामनाएं
4- पूजा से भरी थाली है,
चारों ओर खुशहाली है,
आओ मिलकर मनाएं ये दिन
आज छोटी दिवाली है...
छोटी दिवाली की शुभकामनाएं
5- दीपक के प्रकाश की तरह,
आपके जीवन में चारों ओर रोशनी हो,
इस छोटी दिवाली के अवसर पर,
बस यही कामना है हमारी.
छोटी दिवाली की शुभकामनाएं
छोटी दिवाली की मध्य रात्रि मां काली की उपासना की जाती है, इसलिए इसे काली चौदस भी कहा जाता है. प्रचलित पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का अंत किया था, इसलिए इसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा इस दिन सूर्योदय से पहले शरीर पर तेल और उबटन लगाकर स्नान करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है, इसलिए इसे रूप चौदस भी कहा जाता है. कहा जाता है कि इस रात तंत्र साधना से तांत्रिक भूतों को बुलाते हैं और इस क्रिया को भूत उत्सव के रूप में जाना जाता है, इसलिए इसे भूत चतुर्दशी के तौर पर भी मनाया जाता है.