छठ पूजा एक ऐसा त्योहार है जो पूरे बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह चार दिन तक चलने वाला त्यौहार है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय के साथ शुरू होता है और इसके बाद पंचमी तीथि पर खरना, षष्ठी तिथि में छठ पूजा और सप्तमी तिथि पर उषा अर्घ्य होता है. यह त्यौहार दीवाली के ठीक बाद आता है. छठ पर्व, भगवान सूर्य और उनकी बहन शशि देवी (छठी मैया) को समर्पित है. इस दिन व्रत रख कर लोग उनसे संतान सुख और लंबी आयु की कामना करते हैं. यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2020 Wishes & Images: छठ पूजा महापर्व की हार्दिक बधाई! प्रियजनों को भेजें ये मनमोहक हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photo Messages और Wallpapers
छठ पूजा व्रत त्योहार नहाय खाय के साथ शुरू होते हैं. इस दिन उपवास रखने वाले लोग जल्दी स्नान करते हैं और नए-स्वच्छ कपड़े पहनते हैं, जबकि नदी के करीब रहने वाले लोग अपने व्रत को शुरू करने के लिए पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं. स्नान करने के बाद भक्त संकल्प लेते हैं कि वे भक्ति और ईमानदारी के साथ व्रत का पालन करेंगे. फिर वे एक सफल व्रत के लिए देवताओं और छठी मैया का आशीर्वाद लेते हैं. इसके बाद वे दिन का पहला और एकमात्र भोजन खाते हैं. यह भोजन में मुख्य रूप से लौकी और चने की दाल से बना होता है. यह भोजन बिना लहसुन और प्याज के होता है. व्रत का संकल्प लेने वाले आमतौर पर फर्श पर सोते हैं. इस दौरान लोग अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं देते हैं, अगर आप भी छठ पूजा बधाई अपने प्रियजनों को देना चाहते हैं तो नीचे दिए गए मैसेज भेजकर दे सकते हैं.
1. सद्विचार, सदाचार, प्रेम और भक्ति,
यही है सूर्य देव को, प्रसन्न करने की शक्ति,
छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं!
2. खुशियों का त्योहार आया है
सूर्य देव से सब जगमगाया है
छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं!
3. अगली सुबह जीवन में नई खुशहाली लाएगी,
छठ मैया आपके सब मनोरथ पूरे कर जाएगी.
छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं!
4. छठ पूजा का दिन आया है
सूर्य देव को नमन कर
हमने इसे धूमधाम से मनाया है
छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं!
5. आया है भगवान सूर्य का रथ
आज हे मनभावन सुनहरी छठ
और मिले आपको सुख संपति अपार
छठ की शुभकामनाएं करे स्वीकार!
छठ पूजा के चौथे और अंतिम दिन को दूसरी अर्घ कहा जाता है. इस दिन, भक्त फिर से फल और प्रसाद के साथ सूर्य अर्घ की टोकरी तैयार करते हैं और सूर्योदय से पहले छठ कर घाट पर जाते हैं. उगते सूर्य को दूसरी अर्घ अर्पित किया जाता है. यह छठ पूजा के अनुष्ठानों को पूरा करने का प्रतीक है.