Chhath Puja 2020 Wishes & Images: छठ पूजा महापर्व की हार्दिक बधाई! प्रियजनों को भेजें ये मनमोहक हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photo Messages और Wallpapers
सूर्य देव और छठी मैया की उपासना के इस महापर्व की लोग एक-दूसरे को बधाई न दें ऐसा कैसे हो सकता है. सोशल मीडिया के इस दौर में आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों, करीबियों और प्रियजनों को इन मनमोहक हिंदी विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो मैसेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर छठ पूजा महापर्व की हार्दिक बधाई दे सकते हैं.
Chhath Puja 2020 Wishes & Images in Hindi: छठी मैया (Chhathi Maiyya) और सूर्य देव (Surya Dev) की उपासना के पर्व छठ पूजा को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. दिवाली (Diwali) के बाद आस्था के इस महापर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. खासकर, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के तराई वाले क्षेत्रों में इस पर्व की दिव्यता और भव्यता देखते ही बनती है. इस साल छठ पूजा (Chhath Puja) का मुख्य पर्व 20 नवंबर 2020 (शुक्रवार) को मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को संध्या अर्घ्य (Sandhya Arghya) दिया जाता है और सप्तमी तिथि को ऊषा अर्घ्य (Usha Arghya) के साथ यह व्रत पूर्ण होता है. चार दिवसीय छठ पूजा के उत्सव में नहाय खाय, लोहंडा खरना, संध्या और ऊषा अर्घ्य शामिल है. इस व्रत के दौरान लोग 36 घंटे तक निर्जल निराहार रहते हैं और किसी तालाब या नदी के पानी में खड़े होकर संध्या व ऊषा अर्घ्य देते हैं.
सूर्य देव और छठी मैया की उपासना के इस महापर्व की लोग एक-दूसरे को बधाई न दें ऐसा कैसे हो सकता है. सोशल मीडिया के इस दौर में आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों, करीबियों और प्रियजनों को इन मनमोहक हिंदी विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो मैसेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर छठ पूजा महापर्व की हार्दिक बधाई दे सकते हैं.
1- छठ पूजा की हार्दिक बधाई
2- छठ पूजा की हार्दिक बधाई
3- छठ पूजा की हार्दिक बधाई
4- छठ पूजा की हार्दिक बधाई
5- छठ पूजा की हार्दिक बधाई
इस साल कोरोना वायरस महामारी के बीच सभी त्योहार मनाए जा रहे हैं और छठ पूजा के अवसर पर लोगों से सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ न बढ़ाने की अपील की गई है. इसके साथ ही लोगों से घर पर पानी का स्रोत बनाकर पूजा करने को कहा जा रहा है. ज्ञात हो कि नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है, अगले दिन खरना किया जाता है. तीसरे दिन यानी मुख्य दिन प्रसाद का ठेकुआ तैयार किया जाता है, फिर संध्या और ऊषा अर्घ्य देकर इस व्रत का पारण किया जाता है.