Chhath Puja 2019 Wishes & HD Images: इन प्यारे हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIF Images, HD Wallpapers को भेजकर अपने प्रियजनों से कहें हैप्पी छठ पूजा
देशभर में चार दिवसीय छठ पूजा की धूम मची हुई है. इस महापर्व की शुरुआत हर साल दिवाली के बाद कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होता है और समापन कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को होता है. आज छठ पूजा का प्रमुख दिन यानी सूर्य को अर्घ्य देने का दिन है, ऐसे में इस शुभ अवसर पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को बधाई देना तो बनता है.
Chhath Puja 2019 Wishes & HD Images In Hindi: देशभर में चार दिवसीय छठ पूजा (Chhath Puja) की धूम मची हुई है. इस महापर्व की शुरुआत हर साल दिवाली (Diwali) के बाद कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होती है और समापन कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को होता है. छठ पर्व के मुख्य दिन यानी षष्ठी तिथि को व्रती निर्जल व्रत रखकर संध्या के समय किसी पवित्र नदी या तालाब के पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य (Surya Bhagwan) को अर्घ्य देते हैं. इस पर्व के चौथे और आखिरी दिन यानी कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन व्रती पानी में खड़े होकर सूर्य भगवान के निकलने की पूरी श्रद्धा से इंतजार करते हैं और जैसे ही सूर्योदय होता है सभी व्रती छठी मईया (Chhath Maiya) की जय-जयकार करते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं और लोगों में प्रसाद बांटने के बाद इस व्रत का पारण करते हैं.
आज छठ पूजा का प्रमुख दिन यानी सूर्य को अर्घ्य देने का दिन है, ऐसे में इस शुभ अवसर पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को बधाई देना तो बनता है. आप इन शानदार हिंदी वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटोज, जीआईएफ इमेजेस, एचडी वॉलपेपर्स को भेजकर छठ पूजा की शुभकामनाएं (Chhath Puja Wishes And HD Images) दे सकते हैं. यह भी पढ़ें: Happy Chhath Puja 2019 Wishes: अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को इन शानदार हिंदी WhatsApp Status, Facebook Greetings, Messages, Photo SMS, GIF Images और वॉलपेपर्स के जरिए दें छठ पूजा की शुभकामनाएं
1- जय छठी मईया
2- छठ पूजा की शुभकामनाएं
3- हैप्पी छठ पूजा
4- छठ पूजा की हार्दिक बधाई
5- शुभ छठ पूजा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम और सीता ने भी सूर्य की उपासना का यह व्रत किया था. कथा के अनुसार, भगवान राम सूर्यवंशी थे और सूर्य देव उनके कुल देवता थे. कहा जाता है कि 14 वर्षों के वनवास से वापस अयोध्या लौटने के बाद कार्तिक शुक्ल षष्ठी को श्रीराम और माता सीता ने व्रत रखकर सरयू नदी के तट पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया था. सिया-राम द्वारा इस पूजा को करने के बाद अयोध्या की प्रजा ने भी छठ पूजा करना आरंभ कर दिया. माना जाता है कि छठ पूजा की यह प्रथा तब से शुरू हुई है.