Buddha Purnima 2025 Wishes: बुद्ध पूर्णिमा के इन शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Wallpapers, HD Images के जरिए प्रियजनों को दें बधाई
बुद्ध पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

Buddha Purnima 2025 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) या वैशाख पूर्णिमा (Vaisakh Purnima) के तौर पर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस साल बुद्ध पूर्णिमा 12 मई 2025 को मनाई जा रही है. बुद्ध पूर्णिमा सिर्फ बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए ही नहीं, बल्कि हिंदू धर्म के लोगों के लिए खास महत्व रखती है. इस दिन बौद्ध धर्म के लोग खास प्रार्थना करते हैं और गौतम बुद्ध की शिक्षाओं को याद करते हैं. गौतम बुद्ध का जन्म ईसा पूर्व छठी शताब्दी में राजा शुद्धोधन के घर हुआ था, उनके जन्म के कुछ ही दिन बाद उनकी माता महामाया का निधन हो गया था. महामाया के निधन के बाद उनकी बहन गौतमी ने उनकी परवरिश की, इसलिए उनका नाम सिद्धार्थ गौतम पड़ा.

बुद्ध पूर्णिमा केवल गौतम बुद्ध के जन्म का दिन ही नहीं है, बल्कि बुद्ध पूर्णिमा को ज्ञान प्राप्ति का दिन भी माना जाता है. अपने पाप या बुरे कर्मों को छोड़कर एक नया जीवन शुरू करने की चाह रखने वाले लोग इस दिन संकल्प ले सकते हैं. इसके साथ ही इस बेहद खास अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, एचडी इमेजेस के जरिए प्रियजनों को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई दे सकते हैं.

1- बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं

बुद्ध पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

2- बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक बधाई

बुद्ध पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

3- शुभ बुद्ध पूर्णिमा

बुद्ध पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी बुद्ध पूर्णिमा

बुद्ध पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

5- बुद्ध पूर्णिमा 2025

बुद्ध पूर्णिमा 2025 (Photo Credits: File Image)

पौराणिक कहानी के अनुसार, गौतम बुद्ध का नाम पहले सिद्धार्थ गौतम था, जिन्हें अपना जीवन संपूर्ण वैभव होने के बाद भी बहुत उद्देश्यहीन लगता था. सिद्धार्थ ने सत्य की खोज में सात साल बिताए और आखिर में उन्हें पूर्णिमा के दिन बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. उन्हें वैशाख पूर्णिमा के दिन ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, इसलिए इस तिथि को उनके नए जन्म की तरह भी माना जाता है, तभी यह दिन बुद्ध पूर्णिमा कहलाता है. बता दें कि इसी तिथि पर कुशीनगर में उनका गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण भी हुआ था.