Bhogi Messages 2020: भोगी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में संक्रांति त्योहार का पहला दिन होता है. इस बार भोगी 14 जनवरी को मनाया जा रहा है. इस दिन घर से सभी पुरानी, बिना काम की और नकारात्मक चीजें निकालकर आग में जला दी जाती हैं और अग्नि देवता से सुख और समृद्धि की कामना की जाती है. तेलगु और तमिल दोनों भाषी भोगी मनाते हैं. इस दिन प्रमुख मुग्गुलु प्रकार की रंगोली बनाई जाती है और भोगी पल्लू अनुष्ठान किया जाता है. इसमें छोटे बच्चों पर फूलों की पंखुडियां, गन्ने के टुकड़े सिक्के और गुड़ के मिश्रण का छिड़काव किया जाता है और उनकी आरती उतारी जाती है. इस दौरान महिलाएं गीत गाती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं.
भोगी धनुरासम (Dhanurmasam) यानी गोदा देवी के विवाह का आखिरी दिन है, इनका विवाह तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर और अन्य विष्णु मंदिरों में मनाया जाता है. यह माना जाता है कि जो लोग इस पवित्र विवाह में शामिल होते हैं, उनकी शादी जल्दी होती है. श्री रंगनाथ के साथ गोदा देवी के दिव्य विवाह के साक्षी होने से शांति और सुखी वैवाहिक जीवन जीने में मदद मिलती है. इसलिए कई जोड़े गोदा देवी के विवाह में भाग लेते हैं. दक्षिण भारत के लोगों के लिए भोगी का त्योहार बहुत ही महत्वूर्ण होता है, इस दिन महिलाएं सज धजकर घर के बाहर चावल के आटे से रंगोली बनाती हैं और नए कपड़े पहनकर आस पड़ोस और रिश्तेदारों को भोगी की शुभकामनाएं देती हैं. आप भी नीचे दिए गए ग्रीटिंग्स मैसेजेस भेजकर अपने दोस्तों को भोगी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
हमारी ओर से आपको एवं आपके परिवार को
भोगी की हार्दिक शुभकामनाएं!
इस साल भोगी का त्योहार आपके लिए
ढेर सारी खुशियां ले आए
हैप्पी भोगी!
भोगी की हार्दिक शुभकामनाएं!
भोगी के त्योहार की हार्दिक बधाई!
तमिलनाडु में भोगी मार्गाली (Margali ) महीने के अंतिम दिन मनाया जाता है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ये पौष माह में मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि गोदा देवी भोगी के दिन श्री रंगनाथ के साथ विलीन हो गई. इस दिन को गोदा देवी को अनंत सुख यानी भोग एक्य (Merger of Eternal happiness) प्राप्ति हुई, इसलिए इस दिन को भोगी कहा जाता है.