Bail Pola 2024 Wishes: हैप्पी बैल पोला! इन शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers को शेयर कर दें हार्दिक बधाई

बैल पोला के अगले दिन से किसान अपनी अगली खेती की शुरुआत करते हैं और कई जगहों पर इस दिन भव्य मेले आयोजित किए जाते हैं. बैल पोला के दिन गायों और बैलों का साज-श्रृंगार करके उनकी पूजा की जाती है, साथ ही इस पर्व की बधाई दी जाती है. ऐसे में आप भी इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर हैप्पी बैल पोला कह सकते हैं.

बैल पोला 2024 (Photo Credits: File Image)

Bail Pola 2024 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद की अमावस्या यानी पिठोरी अमावस्या (Pithori Amavasya) के दिन बैल पोला (Bail Pola) का त्योहार मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, आज (2 सितंबर 2024) बैल पोला का पर्व मनाया जा रहा है. दरअसल, भारत की आय का मुख्य स्त्रोत कृषि है, इसलिए यहां के लोग जीव-जंतुओं के साथ-साथ पेड़-पौधों, झील-तालाब इत्यादि की भी पूजा भगवान की तरह करते हैं. भाद्रपद अमावस्या के दिन मनाए जाने वाले इस पर्व को फसल के द्वितीय चरण यानी गुड़ाई-निराई के दौरान मनाया जाता है. इन कार्यों में बैलों और गायों की प्रमुख भूमिका होती है, इसलिए इस दिन किसान अपने गाय-बैलों की पूजा करके उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. पशु धन किसानों की आजीविका का मुख्य स्रोत है, इसलिए किसान (Farmer) बैल पोला के दिन उनकी पूजा करते हैं.

बैल पोला का त्योहार हमें पशु-पक्षियों एवं प्रकृति के प्रति प्रेम भाव सिखाता है. इसके अगले दिन से किसान अपनी अगली खेती की शुरुआत करते हैं और कई जगहों पर इस दिन भव्य मेले आयोजित किए जाते हैं. बैल पोला के दिन गायों और बैलों का साज-श्रृंगार करके उनकी पूजा की जाती है, साथ ही इस पर्व की बधाई दी जाती है. ऐसे में आप भी इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर हैप्पी बैल पोला कह सकते हैं.

1- ​बैल पोला की शुभकामनाएं

बैल पोला 2024 (Photo Credits: File Image)

2- बैल पोला की हार्दिक बधाई

बैल पोला 2024 (Photo Credits: File Image)

3- हैप्पी पोला

बैल पोला 2024 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी बैल पोला

बैल पोला 2024 (Photo Credits: File Image)

5- बैल पोला 2024

बैल पोला 2024 (Photo Credits: File Image)

बैल पोला से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने जब कृष्ण के रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया था, उस समय उनके मामा कंस के अत्याचारों से जनता परेशान थी. कंस को जब पता चला कि उनका संहार करने के लिए श्रीकृष्ण ने जन्म लिया है, तब से कंस अलग-अलग असुरों को नंदबाबा के यहां कृष्ण को मारने के लिए भेजा करते थे. एक बार कंस ने अपने सबसे बलशाली राक्षस पोलासुर को श्रीकृष्ण की हत्या के लिए भेजा था, लेकिन श्रीकृष्ण ने उस असुर का भी वध कर दिया, वो दिन भाद्रपद मास की अमावस्या का दिन था. बताया जाता है उसी घटना के बाद से इस दिन को पोला के नाम से याद किया जाता है.

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