Ambedkar Jayanti 2023 Messages in Hindi: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (Dr. Babasaheb Ambedkar) की जयंती हर साल 14 अप्रैल को मनाई जाती है. इस साल बाबासाहेब आंबेडकर की 132वीं जयंती (Ambedkar Jayanti) मनाई जा रही है. 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के महू में जन्में डॉ. भीमराव आंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) ने भारतीय संविधान (Indian Constitution) की रचना की थी, इसलिए उन्हें भारतीय संविधान का रचयिता कहा जाता है. जब अंग्रेजों की गुलामी से देश आजाद हुआ था, तब डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे आजाद भारत के पहले कानून व न्यायमंत्री रह चुके हैं. समाज में दलितों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाले आंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को अपने समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म को अपना लिया था. बौद्ध धर्म अपनाने के कुछ समय बाद ही 6 दिसंबर 1956 को उनका निधन हो गया था.
दलित परिवार में जन्में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को बचपन से ही आर्थिक और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने विषम परिस्थितियों में कभी हार नहीं मानी और जीवन में आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना किया. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती के इस खास अवसर पर आप इन मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स और एसएमएस को भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- फूलों की कहानी बहारों ने लिखी,
रातों की कहानी सितारों ने लिखी,
हम नहीं हैं किसी के गुलाम क्योंकि,
हमारी जिंदगी बाबासाहब जी ने लिखी.
आंबेडकर जयंती की शुभकामनाएं
2- नींद अपनी खोकर जगाया हमको,
आंसू अपने गिराकर हँसाया हमको,
कभी मत भूलना उस महान इंसान को,
जमाना कहता है बाबासाहेब आंबेडकर जिनको,
आंबेडकर जयंती की शुभकामनाएं
3- नजारों में नजारा देखा,
पर ऐसा नजारा नहीं देखा,
आसमान में जब भी देखा,
मेरे भीम जैसा सितारा नहीं देखा.
आंबेडकर जयंती की शुभकामनाएं
4- आज का दिन है बड़ा महान,
बनकर सूरज चमका एक इंसान,
कर गए सबके भले का ऐसा काम,
बना गए हमारे देश का संविधान,
आंबेडकर जयंती की शुभकामनाएं
5- कर गुजर गए जो वो भीम थे,
दुनिया को जगाने वाले भीम थे,
हमने तो सिर्फ इतिहास पढ़ा है यारों,
इतिहास को बनाने वाले मेरे भीम थे.
आंबेडकर जयंती की शुभकामनाएं
भारतीय संविधान के रचयिता कहे जाने वाले डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने न सिर्फ छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठाई, बल्कि उन्होंने इन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन की मशाल जलाते हुए दलित समाज के उत्थान में अपनी अहम भूमिका भी निभाई. आपको बता दें कि साल 1907 में मैट्रिक पास करने के बाद उन्होंने एलफिंस्टन कॉलेज में दाखिला लिया और इस कॉलेज में एडमिशन लेने वाले वो पहले दलित छात्र थे. उन्होंने साल 1912 में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में स्नातक की डिग्री हासिल की थी. आंबेडकर जयंती पर दलितो के उत्थान के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद किया जाता है और उनकी जयंती को धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है.