Inspirational Quotes Of Dr. BR Ambedkar: समाज में फैले छुआ-छूत, जातिवाद और भेदभाव जैसी कुरितियों के खिलाफ लड़ने वाले महान राजनेता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती (Dr. Babasaheb Ambedkar Jayanti) हर साल 14 अप्रैल को धूमधाम से मनाई जाती है. इस साल भीमराव आंबेडकर की 129वीं जयंती (Dr. Ambedkar 129th Birth Anniversary) मनाई जा रही है, जिसे समानता दिवस और ज्ञान दिवस भी कहा जाता है. भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (Dr. Babasaheb Ambedkar) का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में एक मराठी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था. भारतीय संविधान (Indian Constitution) के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले आंबेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री भी रह चुके हैं. वे अपने जमाने के एक ऐसे राजनेता थे, जो सामाजिक कार्यों में बहुत ज्यादा व्यस्त रहते थे, लेकिन उन्हें पढ़ने-लिखने में इतनी ज्यादा रुचि थी कि वो इसके लिए समय निकाल ही लेते थे.
बेशक संविधान के रचयिता भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जितने महान राजनेता थे, उतने ही महान उनके विचार भी थे. यही वजह है कि उनके प्रेरणादायी विचार (Inspirational Quotes of Dr. Babasaheb Ambedkar) आज भी लोगों को एक बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देते हैं. आप डॉ. आंबेडकर जयंती के इस खास मौके पर उनके इन महान विचारों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को बेहतर दिशा प्रदान कर सकते हैं.
1- जीवन लंबा होने की बजाय महान होना चाहिए और ज्ञान उसका आधार होना चाहिए.
2- भाग्य पर आश्रित रहने के बजाय अपनी मेहनत और कर्म पर विश्वास रखना चाहिए.
3- अगर मुझे लगेगा कि संविधान का दुरुपयोग हो रहा है तो सबसे पहले मैं इस संविधान को ही जलाऊंगा.
4- मैं उसी धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए.
5- जब तक आप सामाजिक रूप से स्वतंत्र नहीं हैं, कानून जो भी आपको स्वतंत्रता देता है वह आपके लिए बेमानी है.
6- संविधान मात्र वकीलों का दस्तावेज नहीं, बल्कि हमारे जीवन का माध्यम है.
7- जब तक आप सामाजिक रूप से स्वतंत्र नहीं हैं, कानून जो भी आपको स्वतंत्रता देता है वह आपके लिए बेमानी है.
गौरतलब है कि डॉ. आंबेडकर को पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, पर्शियन और गुजराती जैसी नौ भाषाओं का ज्ञान था. इसे उनकी दूरदर्शिता ही कही जाएगी कि उन्होंने देश के लिए एक ऐसा संविधान तैयार किया जो सभी जाति और धर्म के लोगों की रक्षा करता है व उन्हें समानता का अधिकार प्रदान करता है. उनका मानना था कि एक सफल व्यक्ति के लिए दूरदर्शी होना बेहद जरूरी है.