Kamika Ekadashi 2021: कब है कामिका एकादशी? जानें इस व्रत का महात्म्य! पूजा-विधि, मुहूर्त एवं पारंपरिक कथा!

हर माह की तरह श्रावण माह में भी दो एकादशी पड़ती है. एक कृष्णपक्ष में और दूसरा शुक्लपक्ष में. हिंदी पंचांग के अनुसार इस वर्ष श्रावण मास के कृष्णपक्ष की एकादशी जिसे कामिका एकादशी कहते हैं, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 3 अगस्त 2021 को मनायी जायेगी. हर माह श्रावण मास के कृष्ण पक्ष के 11वें दिन कामिका एकादशी मनाई जाती है.

भगवान विष्णु (File Photo)

हर माह की तरह श्रावण माह में भी दो एकादशी पड़ती है. एक कृष्णपक्ष में और दूसरा शुक्लपक्ष में. हिंदी पंचांग के अनुसार इस वर्ष श्रावण मास के कृष्णपक्ष की एकादशी जिसे कामिका एकादशी कहते हैं, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 3 अगस्त 2021 को मनायी जायेगी. हर माह श्रावण मास के कृष्ण पक्ष के 11वें दिन कामिका एकादशी मनाई जाती है. कुछ जगहों पर इसे पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के उपेंद्र अवतार की विधिवत पूजा की जाती है. कामिका एकादशी का व्रत एवं श्रीहरि की पूजा करने से पूर्व जन्म के सारे पाप मिट जाते हैं, और हजारों गो-दान जैसे पुण्य के बराबर माना जाता है, एवं जीवन में सुख-समृद्धि लाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी 03 अगस्त मंगलवार को मनाया जायेगा.

कामिका एकादशी व्रत का महात्म्य

कामिका एकादशी के दिन श्रीहरि की पूजा करना बेहद लाभकारी माना जाता है. विष्णु जी के प्रताप से सारे अधूरे कार्य पूरे होते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से न केवल भक्त को लाभ होता है, बल्कि उसके पूर्वजों के कष्ट भी दूर होते हैं. इस अवसर पर किसी तीर्थ स्थान पर जाकर किसी नदी, तालाब अथवा सरोवर में स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीहरि को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु उन्हें तुलसी पत्र अर्पित करते हैं. ऐसा करने वाले श्रद्धालु के सारे रोग दूर हो जाते हैं. कामिका एकादशी की कथा सुनना यज्ञ के आयोजन जैसा पुण्यकारी होता है.

व्रत एवं पूजा विधि

कामिका एकादशी का व्रत करने से जानें अनजाने किये सभी पाप एवं कष्ट दूर हो जाते हैं. जीवन में समृद्धि आती है. एकादशी के दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी अथवा सरोवर में स्नान कर लें. इसके पश्चात भगवान विष्णु के व्रत एवं पूजा का संकल्प लें. इसके पश्चात घर के मंदिर में भगवान विष्णु को पंचामृत एवं इसके पश्चात गंगाजल से स्नान करायें. अब श्रीहरि एवं लक्ष्मी जी के सामने धूप-दीप जलाने के पश्चात इनका आह्वान करें. अब श्रीहरि एवं लक्ष्मी जी को मौसमी फल, पीला फूल, काला तिल दूध, तुलसी दल, अक्षत, रोली, नारियल चढ़ाते हुए ऊँ ब्रह्म बृहस्पताय नमः का जाप करें. संभव हो तो विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. अगले दिन शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करने से पहले द्वाद्शी के दिन ब्राह्मण को भोजन खिलाकर दक्षिणा प्रदान करें. इसके बाद आप स्वयं खाना खायें. यह भी पढ़ें :August 2021 Festival Calendar: अगस्त में मनाए जाएंगे स्वतंत्रता दिवस, कृष्ण जन्माष्टमी और रक्षाबंधन जैसे बड़े पर्व, देखें इस माह के व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट

कामिका एकादशी के दिन बन रहे ये शुभ योग

4 अगस्त प्रातः 05.44 बजे से अगले दिन 05 अगस्त को 04.25 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. कामिका एकादशी व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में रखा जाएगा. इसी दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाएगी.

कामिका एकादशी 3 अगस्त 2021 शुभ मुहूर्त

एकादशी प्रारंभ दोपहर 12.59 बजे (3 अगस्त, मंगलवार 2021) से

एकादशी समाप्त दोपहर 03.17 बजे (4 अगस्त, बुधवार 2021) तक

पारंपरिक व्रत कथा

महाभारत काल में युधिष्ठिर द्वारा पूछे जाने पर श्रीकृष्ण ने कामिका एकादशी के महात्म्य के संदर्भ में बताया, -इस एकादशी की कथा स्वयं ब्रह्मा जी ने देवर्षि नारद को सुनाई थी. हे नारद! कामिका एकादशी व्रत की कथा सुनने मात्र से वाजपेयी यज्ञ के फल की प्राप्ति हो जाती है. इस दिन श्रीहरि की उनके आयुध शंख, चक्र और गदा के साथ पूजा की जाती है. श्रीहरि की पूजा करने से गंगा, काशी, नैमिषारण्य और पुष्कर जैसे तीर्थ स्थानों पर स्नान के समान फल प्राप्त होता है. जिन लोगों से जाने-अनजाने पाप हो जाते हैं, उन्हें यह व्रत अवश्य करनी चाहिए. श्रीकृष्ण ने बताया कि कामिका व्रत करने वाले व्यक्ति अगले जन्म में दीन-हीन व्यक्ति के रूप में जन्म नहीं लेते. उनका जन्म किसी राज-परिवार में होता है. इसके अलावा इस पूजा में श्रीहरि को तुलसी दल चढ़ाने वाले व्यक्ति के बंद भाग्य के दरवाजे खुल जाते हैं.

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