Chand Raat Mubarak 2019: ईद के चांद का दीदार होने पर दोस्तों और रिश्तेदारों को WhatsApp, Facebook Messages और ग्रीटिंग्स के जरिए दें मुबारकबाद
माहे रमजान का पाक महीना खत्म होने जा रहा है, रोजेदारों को बेसब्री से चांद का इंतजार है. चांद के दीदार के बाद ईद का दिन आता है. आखिरी रोजे के बाद हर किसी की निगाहें चांद की ओर होंगी. ईद उल-फितर (Eid-ul-Fitr) की तारीख आम तौर पर कई देशों में अलग-अलग होती है....
माहे रमजान का पाक महीना खत्म होने जा रहा है, रोजेदारों को बेसब्री से चांद का इंतजार है. चांद के दीदार के बाद ईद का दिन आता है. आखिरी रोजे के बाद हर किसी की निगाहें चांद की ओर होंगी. ईद उल-फितर (Eid-ul-Fitr) की तारीख आम तौर पर कई देशों में अलग-अलग होती है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि ईद का चांद (Eid ul-Fitr Moon Sighting) दिखा है या नहीं. जिन जगहों पर चांद दिखाई देता है वहां दूसरे दिन ईद मनाई जाती है. भारत में ईद 5 या 6 जून को मनाया जा सकता है. रमजान के 30 रोजों के बाद चांद देखकर ईद मनाई जाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि एक महीने तक रोजा रखने के बाद ईद का त्योहार क्यों मनाया जाता है? दरअसल पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी. उनके विजयी होने की खुशी में ही यह त्यौहार मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि 624 ईस्वी में पहला ईद-उल-फित्र मनाया गया था.
ईद का चांद दिखने के बाद घरों में ईद की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. चांद दिखने के बाद आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को ये मैसेजेस वॉट्सऐप और फेसबुक के जरिए भेजकर मुबारकबाद दे सकते हैं.
चांद की पहली दस्तक पर
चांद मुबारक कहते हैं,
सबसे पहले हम आपको
'ईद का चांद मुबारक' कहते हैं.
सूरज की किरणें तारों की बहार,
चांद की चांदनी अपनों का प्यार,
हर घड़ी हो आपकी ख़ुशहाल,
मुबारक को आपको ईद का चांद!
चांद की तरह चमकें और
अपनी रोशनी जरुरतमंदों तक पहुंचाएं.
ईद का चांद मुबारक!
समंदर को उसका किनारा मुबारक,
चांद को सितारा मुबारक,
फूलो को उसकी खुशबू मुबारक,
तहे दिल से आपको ईद का चांद मुबारक!
चांद को चांदनी मुबारक…
फलक को सितारे मुबारक…
सीतारों को बुलंदी मुबारक,
और आप सब को हमारी तरफ से,
ईद का चांद मुबारक!
आसमान में बादलों के पीछे,
चांद आया है.
खुशियों का पैगाम लाया है.
ईद का चांद मुबारक!
जिंदगी का हर पल खुशियों से कम ना हो,
आपका हर दिन ईद से कम ना हो,
ईद का चांद मुबारक!
प्यार और भाईचारे के पर्व ईद के दिन लोग आपस के गिले-शिकवे दूर कर एक-दूसरे से मिलते हैं. इस मौके पर मुस्लिम अपनी क्षमता के अनुसार दान भी करते हैं जिसे जकात कहा जाता है.