‘स्वप्न’ के संदर्भ में अलग-अलग वैज्ञानिकों की अलग-अलग सोच एवं धारणाएं हैं. आज के दौर के कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि सोते समय की चेतना की अनुभूतियों को ‘स्वप्न’ कहते हैं, वहीं कुछ वैज्ञानिकों का यह कहना है कि सपने मन की एक विशेष अवस्था होते हैं, जिसमें वास्तविकता का आभास होता है. दरअसल स्वप्न के संदर्भ में आम मान्यता है कि ‘स्वप्न’ न जागृत अवस्था में आते हैं न निद्रा में. बल्कि यह दोनों के बीच की तुरीयावस्था, जिसे ब्रह्मलीनता की अवस्था कहा जाता, में आते हैं.
क्यों आते हैं स्वप्न
स्वप्न देखने के पीछे कभी-कभी खान-पान और बीमारियों की भी भूमिका होती है. जबकि वास्तुशास्त्रियों के अनुसार कुछ खास ग्रह और राशियां भी इसकी वजह बनती हैं. लेकिन हर सपने का कोई ठोस अर्थ हो, यह जरूरी नहीं है. शोध बताते हैं कि ज्यादातर सपने अर्थहीन होते हैं. स्वप्न इंसान की यादों, भावनाओं, कल्पनाओं, सोच, विचारों, इच्छाओं और सबसे बड़ा उसके डर का मिला-जुला प्रारूप है. वस्तुतः हर कोई सपने देखता है, कोई जागती आंखों से तो कोई नींद में. ऐसे कई उदाहरण मिलेंगे, जिनमें नींद में देखे गये सपनों के आधार पर नये-नये आविष्कार हुए तो कई बार लोगों की जानें भी बचीं स्वप्नों के पूर्वाहसास से. अकसर स्वप्नों के आधार पर जमीन के भीतर के खजानें अथवा कीमती मूर्तियां भी खोदकर निकाली गयीं.
सक्रिय मस्तिष्क एवं निष्क्रिय शरीर
आम राय है कि सपने देखने के दौरान हमारा दिमाग एकदम निश्चेत, निष्क्रिय एवं शांत रहता है. लेकिन सच्चाई यह है कि सपने देखने की अवस्था जागृत स्वरूप की तुलना में ज्यादा सक्रिय होते हैं. इसे ‘रैपिड आई मूवमेंट’ यानी ‘आंखों की तीव्र सक्रियता’ भी कहा जाता है. सपना देखते हुए अकसर ऐसा होता है, मानों आपका पूरा शरीर शिथिल हो गया है. उदाहरण के लिए आप रात में सो रहे हैं, और सपने में कोई चोर आप पर आक्रमण कर रहा है, आप उस पर जवाबी हमला करने की कोशिश करते हैं, तो आपको लगता है कि आपके हाथ-पैर और आवाज सब जड़ हो गयी हैं.
स्वप्नों का महत्व
स्वप्नों का हमारे जीवन से अकसर गहरा महत्व होता है. हम अच्छा कार्य करें या बुरा, हम जो भी स्वप्न देखते हैं, उसका हमारे जीवन पर कभी-कभी गहरा असर पड़ता है. वास्तु शास्त्रियों के अनुसार कभी-कभी हमारे जीवन में घटने वाली घटना का हमें पूर्व अहसास हो जाता है. इसलिए कुछ खास स्वप्न को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. जबकि कुछ सपने ऐसे भी होते हैं, जिसका चर्चा करने से बचना चाहिए. प्रख्यात वास्तु शास्त्री रवींद्र पाण्डे के अनुसार ऐसे स्वप्नों की चर्चा करना आप पर भारी पड़ सकता है. आपको कब क्या करना चाहिए, आइये देखते हैं.
* आम आदमी सांप से काफी डरता है, वहीं नींद में सांप का सपना देखना भी शुभ नहीं माना जाता. किसी अनिष्ठता की संभावना हो सकती है.
* जिस तरह शादी के बाद इंसान की जिंदगी में रोमांच और रोमांस दोनों ही बढ़ते हैं, इससे जीवन में सम्पन्नता आती है. अगर सपने में आप किसी शादी विशेष में उपस्थित हुए हैं, तो माना जाता है कि शीघ्र ही आपको कोई शुभ समाचार मिलने वाला है. लेकिन इस खुशी को किसी पर जाहिर न करें, वरना बनता हुआ कार्य बिगड़ सकता है.
* मान्यता है कि मृत व्यक्ति के शव को देखने के बाद उस पर चर्चा करने से बचना चाहिए. वरना बुरे-बुरे विचार मन में आते हैं, आपके इर्द-गिर्द नकारात्मकता का जाल तैयार होता है. इसका एक ही रास्ता है कि एक सप्ताह तक प्रतिदिन तीन से चार बार हनुमान चालीसा पढ़ें. इससे संकट टल जाती है.
* अगर स्वप्न में किसी सुंदर स्त्री की नाभि आपने देखा है, तो इसे बहुत शुभ माना जाता है. इससे धन लाभ की संभावना बढ़ती है. हमारे शास्त्रों में स्त्री को लक्ष्मी तुल्य माना जाता है, इस तरह का स्वप्न देखना इस बात का संकेत हो सकता है कि निकट भविष्य में आपके साथ कुछ बहुत अच्छा होने वाला है. लेकिन इस स्वप्न की चर्चा भी लाभान्वित होने तक किसी से न करें.
* अगर स्वप्न में आप किसी मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं और पुजारी आपको दर्शन करने से रोकता है तो आप इस बात से सावधान रहें कि आपका कोई शत्रु आपको हानि पहुंचा सकता है. लेकिन आपके द्दढ़ निश्चय के कारण शत्रु आप पर हावी नहीं हो पा रहा है.
* आपने स्वप्न में कोई कब्रिस्तान देखा है, तो मानिये कि आप पर से सारे कष्ट दूर होने वाले हैं.
* अगर कोई महिला स्वप्न में प्रसव पीड़ा और मृत संतान को जन्म देते हुए देखती है तो यह संभव है कि भविष्य में उस पर कोई भारी विपदा आनेवाली है.
नोटः स्वप्नों को लेकर तमाम धारणाएं हैं. जो प्रमाणित नहीं है, इसलिए जरूरी नहीं कि उपरोक्त लेख की सारी बातें तर्कपूर्ण हों.