Diwali 2021: कार्तिक मास के पांच दिवसीय महापर्व का मुख्य पर्व दीपावली आज पूरे भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मनाई जायेगी. इस बार की दीपावली इसलिए भी विशेष मानी जा रही है क्योंकि पिछले वर्ष की दीपावली कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ चुकी थी, अब जब कोरोना पर हमारे स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने काफी हद तक नियंत्रण हासिल कर लिया है, ऐसे में हर किसी के मन में दीपावली को लेकर विशेष उत्साह और उमंग देखा जा सकता है. यहां सोने पे यह हुआ है कि इस बार दीपावली चार शुभ ग्रहों के महासंयोग में पड़ने के कारण पूजा और प्रतिफल का महात्म्य कई गुना बढ़ जायेगा. यहां हमारे ज्योतिषाचार्य रवींद्र पाण्डेय इन चारों ग्रहों के महात्म्य पर बात कर रहे हैं.
ये हैं चार दुर्लभ ग्रहों का महायोग
ज्योतिष शास्त्री पंडित रवींद्र पाण्डेय के अनुसार इस वर्ष यानी 2021 में करीब साठ साल बाद तुला राशि में 4 महाशुभ ग्रहों के योग में दीपावली का पर्व पड़ रहा है. इसका साफ संकेत है कि यह दीपावली हर राशि के जातकों के लिए अपार खुशियां लेकर आ रहा है. बता दूं कि कार्तिक मास की अमावस्या के दिन 4 महाग्रह सूर्य, चंद्रमा, बुध और मंगल का योग बन रहा है, इसके साथ ही मालव्य, चर और प्रीति इन योग का भी तालमेल बन रहा है. ऐसी शुभ घड़ी बहुत मुश्किल से आती है, यह सभी के लिए शुभ घड़ी का संकेत माना जा सकता है.
ये है शुभ योग
पंडित रवींद्र पाण्डेय बताते हैं कि तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं. लक्ष्मी जी की पूजा से शुक्र ग्रह की शुभता बढ़ती है. शुक्र ग्रह को लग्जरी लाइफ, सुख-सुविधाओं का कारक माना गया है. सूर्य को ग्रहों का राजा और मंगल को ग्रहों का सेनापति तथा बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा गया है. जबकि चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. वहीं सूर्य पिता तो चंद्रमा को माता कारक माना गया है. यह भी पढ़ें : Laxmi Puja 2021: माँ लक्ष्मी की पूजा करते समय रखें इन बातों का ध्यान! तभी लक्ष्मी करेंगी कल्याण! जानें क्या करें और किन कार्यों से बचें!
कोरोना का ‘द एंड’ तो नहीं ग्रहों का यह अद्भुत योग
पं. रवींद्र पांडेय कहते हैं, -महाग्रहों के इस अद्भुत महासंयोग के कारण आम लोग रोग-शोक से मुक्ति पा सकते हैं. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि ग्रहों के इस महासंयोग का असर कोरोना के ‘द एंड’ का संकेत भी हो सकता है? क्योंकि दीपावली पर बन रहा यह 4 महाग्रहों एवं तीन विशेष ग्रहों का योग किसी महामारी से मुक्ति की ओर ही इशारा कर रहा है.
एक शुभ संकेत यह भी
रोगों से मिलेगी मुक्ति
पं. रवींद्र पाण्डेय के अनुसार दीवाली की सुबह के गोचर में नीच भंग राज योग के अलावा तुला राशि में 4 ग्रह और 3 योग के संयोग काल में दीपावली के दिन माता लक्ष्मी एवं श्रीगणेश जी की पूजा-अर्चना विधिवत तरीके से करने से श्रेष्ठतम फल की प्राप्ति का योग बना है. यह योग परिवार में सुख-समृद्धि का योग लेकर आ रहा है. इस योग में रोगों से पूर्णतः मुक्ति मिलने का संकेत दर्शा रहा है. इसके पश्चात अपराह्नकाल के बाद से मध्य रात्रि तक विभिन्न वर्गो के लिए शुभ मुहूर्त में पूजा करना पूर्ण पुण्यकारी साबित होगा. व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए मध्य रात्रि के पश्चात खास मुहूर्त (सिंह लग्न में) बन रहा है. व्यवसायियों के लिए मध्यरात्रि काल का समय पूजा के लिए विशेष फलदायी हो सकता है.
दीवाली पूजा का शुभ मुहूर्त (04 नवंबर, 2021, गुरुवार)
अमावस्या तिथि प्रारम्भ: 04 नवंबर 2021 को 06:03 AM बजे से.
अमावस्या तिथि समाप्त: 05 नवंबर 2021 को 02:44 AM तक.
दीवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 06:09 PM से रात्रि 08:20 PM तक