COVID 19: सांस लेने में हो रही है परेशानी तो कोरोना मरीज बरतें ये सावधानियां, इन चीजों से रहें दूर

कोरोनावायरस (coronavirus) एक तरह का सामान्य वायरस है जो आपकी नाक, साइनस या ऊपरी गले में संक्रमण का कारण बनता है. अधिकांश कोरोनावायरस खतरनाक नहीं हैं. चीन में दिसंबर 2019 में कोरोनावायरस प्रकोप के बाद साल 2020 की शुरुरात में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने SARS-CoV-2 एक नए प्रकार के कोरोनावायरस की पहचान की.

कोरोना वायरस का प्रकोप (Photo Credits: Pixabay)

कोरोनावायरस (coronavirus) एक तरह का सामान्य वायरस है जो आपकी नाक, साइनस या ऊपरी गले में संक्रमण का कारण बनता है. अधिकांश कोरोनावायरस खतरनाक नहीं हैं. चीन में दिसंबर 2019 में कोरोनावायरस प्रकोप के बाद साल 2020 की शुरुरात में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने SARS-CoV-2 एक नए प्रकार के कोरोनावायरस की पहचान की. इसका प्रकोप तेजी से दुनिया भर में फैल गया. COVID-19, SARS-CoV-2 के कारण होने वाली बीमारी है जो श्वसन पथ को ट्रिगर कर सकती है. यह आपके ऊपरी श्वसन पथ (साइनस, नाक और गले) या निचले श्वसन पथ (विंडपाइप और फेफड़े) (upper respiratory tract (sinuses, nose, and throat) को प्रभावित कर सकता है. यह भी पढ़ें: Summer Health Tips: इम्युनिटी बढ़ायें-कोरोना भगाएं, ग्रीष्म ऋतु के ये पेय!

यह उसी तरह से फैलता है जैसे अन्य कोरोनावायरस फैलते हैं, मुख्य रूप से व्यक्ति-से-व्यक्ति के संपर्क माध्यम से. संक्रमण हल्के से घातक तक होता है. SARS-CoV-2 कोरोनोवायरस के सात प्रकारों में से एक है, जिसमें मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (MERS) और अचानक तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS) जैसे गंभीर रोग शामिल हैं. अन्य कोरोनावायरस अधिकांश सर्दी का कारण बनते हैं जो हमें वर्ष भर प्रभावित करते हैं लेकिन स्वस्थ लोगों के लिए गंभीर खतरा नहीं है.

वायरस से निमोनिया, श्वसन विफलता (respiratory failure), हृदय की समस्याएं, यकृत (liver) की समस्याएं, सेप्टिक शॉक की वजह से मृत्यु हो सकती है. कई कोविड-19 जटिलताओं को साइटोकिन रिलीज सिंड्रोम (cytokine release syndrome) या साइटोकिन स्टॉर्म(cytokine storm) के रूप में जाना जाता है. यह तब होता है जब संक्रमण आपके रक्त प्रवाह को साइटोकिन्स नामक भड़काऊ प्रोटीन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को ट्रिगर करता है. वे टिश्यूज को मार सकते हैं और आपके अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. यह भी पढ़ें: Kadha Recipe to Boost Immunity: आयुर्वेद विशेषज्ञ के.डी. महापात्रा ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए शेयर की काढ़ा बनाने की विधि

यदि आपको अपने आप में या प्रियजनों में ये गंभीर लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकत्सा सलाह प्राप्त करें.

कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में त्राहि मचा दी है. डॉक्टर्स का कहना है कि सांस में तकलीफ बढ़ने पर सभी को अस्पताल आने की जरूरत नहीं है. अगर ऑक्सीमीटर पर ऑक्सीजन लेवल लगातार 90 के नीचे जा रहा है तभी अस्पताल जाएं. इसके अलावा जिन लोगों को सांस में तकलीफ हो रही है वो कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखें.

webmd की एक रिपोर्ट के अनुसार शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर गैस स्टोव, मोमबत्ती, फायरप्लेस, बिजली या गैस हीटर जैसी चीजों से करीब 5 फीट दूर रहें. ऐसी चीजों के नजदीक जाने से आपकी दिक्कतें और ज्यादा बढ़ेंगी.

पेंट थिनर, एरयोसोल स्प्रे, क्लीनिंग फ्लूड जैसे फ्लेमेबल प्रोडक्ट्स का बिल्कुल इस्तेमाल न करें. इसके अलावा पेट्रोलियम जेली, ऑयल, ग्रीस बेस्ड क्रीम या वैसलीन जैसे किसी भी प्रोडक्ट को छाती या शरीर के किसी हिस्से पर न लगाएं.

सां लेने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो भूलकर भी धूम्रपान न करें. या फिर सिगरेट-बीड़ी पीने वालों से भी कोसों दूर रहें. इतना ही नहीं, घर में इस्तेमाल होने वाली कैमिकल से बनी खुशबूदार अगरबत्ती या धूपबत्ती के धुएं के संपर्क में भी न आएं.

घर की खिड़कियां पर्दे खुली रखें फ्रेश हवा लें. अपने घर के बाहर या बालकनी में पौधे लगाएं ये आपके घर में मौजूद नाइट्रोजन को बाहर निकाल कर ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करेंगे.

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, डीहाइड्रेशन न होने दें, पर्याप्त मात्रा में पानी आपके खून में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देगी. रोजाना मेडीटेशन और प्राणायाम करें, इससे आपके शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी.

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