Buddha Purnima 2024: गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के अवतार हैं या नहीं? जानें इस संदर्भ में तीन विभिन्न मतों के विभिन्न तर्क!
हिंदू धर्म के कई पौराणिक ग्रंथों विष्णु पुराण, भागवत पुराण, गरुड़ पुराण, अग्नि पुराण एवं हरिवंश पुराण के अनुसार भगवान बुद्ध भगवान विष्णु के दस अवतारों में नौवां तथा 24 अवतारों में 23वां अवतार हैं.
हिंदू धर्म के कई पौराणिक ग्रंथों विष्णु पुराण, भागवत पुराण, गरुड़ पुराण, अग्नि पुराण एवं हरिवंश पुराण के अनुसार भगवान बुद्ध भगवान विष्णु के दस अवतारों में नौवां तथा 24 अवतारों में 23वां अवतार हैं. इन ग्रंथों में उल्लेख है कि दैत्यों को वैदिक कार्यों से दूर रखने और युगीन धर्म की स्थापना के लिए ही भगवान विष्णु ने बुद्ध के रूप में अवतार लिया. हालांकि भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार को लेकर इतिहासकारों एवं धर्म विशेष मानने वालों में मतभेद है. इस प्रसंग को लेकर इतिहासकारों के मतों को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है. भगवान बुद्ध की जयंती (23 मई 2024) के अवसर पर आइये जानते हैं, क्या कहते हैं ये तीनों मत.
एक नहीं हैं भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध
गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध के अलग होने के संदर्भ में तर्क दिया जाता है कि भगवान बुद्ध पौष शुक्ल पक्ष की सप्तमी को माँ अंजना की कोख से जन्मे थे, जबकि गौतम बुद्ध वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन माया के पेट से जन्मे थे. भगवान बुद्ध के पिता हेमसदन थे, वहीं गौतम बुद्ध के पिता राजा शुद्धोधन था. भगवान विष्णु ब्राह्मण कुल में पैदा हुए बताये जाते हैं, जबकि गौतम बुद्ध छत्रिय वंश से थे. यह भिन्नता ही भगवान बुद्ध को गौतम बुद्ध से अलग व्यक्ति बताती है. यह भी पढ़ें : Solar Eclipse 2024: कब लग रहा है साल का दूसरा सूर्यग्रहण?, नोट कर लें सूतक काल का समय
उपरोक्त मान्यताओं वाले बताते हैं कि भगवान विष्णु के दसों अवतारों में पहले श्री कृष्ण एवं बलराम की गिनती अलग-अलग की जाती थी, लेकिन आदि गुरु शंकराचार्य ने बलराम के स्थान पर बुद्ध को दशावतार में शामिल कर लिया.
भगवान विष्णु के अवतार बुद्ध और गौतम बुद्ध एक हैं
दोनों बुद्ध को एक मानने वालों के तर्कों के अनुसार पद्म पुराण एवं नारद पांचरात्र में वर्णित शिव प्रोक्त विष्णु सहस्त्रनाम के अंत में भगवान का नाम शौद्धोधनि (शुद्धोधन पुत्र) की नाम भी वर्णित है. भविष्य पुराण के प्रतिसर्ग पर्व में इसका वर्णन है कि कलियुग की प्रार्थना पर भगवान विष्णु गौतम के नाम से अवतार लेकर बौद्ध धर्म का विस्तार करते हुए पटना चले गये. इसके अलावा विष्णु धर्मोत्तर पुराण के अनुसार भगवान विष्णु का कहना है कि मेरे द्वारा कलियुग में बुद्ध के रूप में धर्म प्रवचन किया जाएगा, इसके बाद विष्णुयशा के पुत्र कल्कि के रूप में मेरे द्वारा म्लेच्छ राजाओं का संहार किया जायेगा. वहीं स्कंद पुराण में महर्षि मार्कण्डेय जब युधिष्ठिर से दशावतार का जिक्र करते हुए बताया है कि बुद्ध अवतार में भगवान विष्णु का शांत रूप देखा जायेगा, जो दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करेंगे.
गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के अवतार नहीं हैं
बौद्ध धर्म के अनुयायी अवतारवाद में विश्वास नहीं करते, ना ही किसी सनातन धर्म अथवा ईश्वरीय स्वरूप को मानते हैं. बौद्ध धर्मावलंबी इस तर्क से स्पष्ट इंकार करते हैं कि गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के अवतार हो सकते हैं. वे हिंदू धर्म परंपरा से गौतम बुद्ध एवं उनके बौद्ध धर्म को अलग नजरिये से देखते हैं. बौद्ध धर्म ग्रंथों में गौतम बुद्ध के जीवन, उनसे जुड़ी घटनाओं और उनके उपदेशों का विशद वर्णन किया गया है. इस तर्क के आधार पर बौद्ध धर्म के लोग गौतम बुद्ध को एक अलग और स्वतंत्र व्यक्ति मानते हैं.