Benefits of Sattu: प्रचण्ड गर्मी से राहत दिलाता है ये गंवई भोजन! जानें सत्तू कैसे रखता है आपको चुस्त, तंदुरुस्त एवं हाइड्रेट!
Sattu (Photo Credit : Wikimedia Commons)

मौसम के तेवर लगातार बिगड़ रहे हैं. ऐसे में चुस्त-दुरुस्त रहने के लिए रहन-सहन के साथ-साथ खान-पान पर भी ध्यान रखने की आवश्यकता है. आहार विशेषज्ञ ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थ लेने की सलाह दे रहे हैं, ताकि शरीर हाइड्रेट रहे, और मौसम की प्रतिकूलता से हम सुरक्षित रहें. लेकिन यह भी सच है कि केवल पेय पदार्थ तक सिमट कर रहना संभव नहीं, हमें कुछ ठोस पदार्थ भी लेना चाहिए, जो शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ पौष्टिक पदार्थ की कमी भी पूरी करे. जिसमें पेय पदार्थों का विकल्प बनने की क्षमता हो, और वह है सत्तू. सत्तू जिसे कभी गंवई खान-पान से जोड़ा जाता था, लेकिन आज इसकी खूबियां गांव से महानगरों तक पहुंच चुकी हैं. आहार विशेषज्ञ भी इसे सूपर कूल फूड मानते हैं. आइये जानें इस प्रचण्ड गर्मी से सत्तू हमें कितना सुरक्षित रखता है.

सत्तू मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार एवं झारखंड जैसे पूर्वांचलों में मिलता है, लेकिन आज इसकी लोकप्रियता संपूर्ण भारत ही नहीं बल्कि सात समंदर पार तक पहुंच गया है. सत्तू चने और जौ को मिलाकर बनाते हैं. इसे पानी में घोलकर अथवा गूंथ कर कटे प्याज और मिर्च के अचार के साथ खाया जाता है. इसकी लिट्टी तो जग-विख्यात है ही, लेकिन अब इसके विभिन्न किस्म के स्वादिष्ट एवं पौष्टिक व्यंजन भी बनने लगे हैं. सत्तू का शरबत पीने अथवा सत्तू खाने से पेट को ठंडक मिलती है, लू नहीं लगता और डिहाइड्रेशन की शिकायत नहीं होती.

सत्तू में निहित पौष्टिक तत्व

सत्तू में तमाम तरह के पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं. मसलन फाइबर, आयरन, मैंगनीज, प्रोटीन, मैग्नीशियम एवं लो सोडियम इत्यादि. सत्तू का शरबत पीने से शरीर को प्रचुर मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है. सत्तू का नियमित सेवन करने से काफी हद तक डायबिटीज पर अंकुश रखा जा सकता है. यह आंतों को स्वस्थ बनाता है, जिससे कब्ज नहीं होने पाता. सत्तू का इस्तेमाल खाने के बजाय नाश्ते में करना बेहतर होता है. गर्मी के दिनों में नियमित रूप से सत्तू खाना चाहिए.

सत्तू के लाभ

लिवर मजबूत बनता हैः सत्तू प्रोटीन का बढ़िया स्रोत है. गर्मी के दिनों में इसका नियमित सेवन करने से पेट की समस्याएं ठीक होती हैं, तथा लिवर मजबूत होता है.

मोटापा कम करता हैः आपका वजन बढ़ रहा है तो सत्तू का सेवन आरंभ कर दें. सत्तू खाने से बहुत जल्दी पेट भर जाता है, और लंबे समय तक भूख नहीं लगती. इसके अतिरिक्त कैलोरी लेने से आप बच सकते हैं.

पाचन क्रियाः सत्तू में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, जो पेट और आंतों को सक्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाता है. आंतों से चिकनाई और तैलीय पदार्थों को जमने नहीं देता, जिसकी वजह से कब्जियत नहीं होती और पाचन क्रिया सुचारू रहता है. सत्तू का सेवन करने से लू नहीं लगती.

डायबिटीज नियंत्रित करता हैः सत्तू में मौजूद बीटा-ग्लूकेन शरीर में बढ़ते ग्लूकोस के अवशोषण को कम करके ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित रखते हैं. ठंडा सत्तू खाने या इसका शरबत पीने से रक्त शर्करा नियंत्रित रहता है. रक्तचाप दुरुस्त और नियमित रखता है. काले चने से बने सत्तू में उच्च मात्रा में फाइबर होने से हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या कम रहती है. लेकिन मधुमेह के रोगियों को सत्तू का सेवन करने से बचना चाहिए.

बढ़ती उम्र के बच्चों को बनाता है हेल्दीः सत्तू के सेवन से शरीर को प्रोटीन, विटामिन ए, कार्बोहाइड्रेट एवं मिनरल आदि प्रचुर मात्रा में प्राप्त होते हैं. ऐसे में अगर गेहूं के आटे में थोड़ी मात्रा सत्तू की मिला देंगे तो बच्चों का थोड़ा टेस्ट में भी बदलाव आयेगा साथ उपयुक्त पौष्टिक पदार्थ भी उन्हें मिलेगा. इससे उनकी इम्युनिटी बढ़ेगी और वे स्वस्थ महसूस करेंगे.