Akshaya Tritiya 2022: अक्षय तृतीया पर अक्षुण्ण पुंण्य की प्राप्ति के लिए इन 8 कार्यों से बचें! वरना लक्ष्मी जी की नाराजगी पड़ सकती है भारी!

सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है. साल के साढ़े तीन अबूझ अथवा स्वयंसिद्ध मुहूर्तों में एक अक्षय तृतीया का दिन भी होता है, जब बिना शुभ-मुहूर्त के शुभ-मंगल कार्य किये जा सकते हैं. मान्यतानुसार इस दिन सोना, चांदी अथवा कोई भी कीमती वस्तु खरीदना शुभ होता है. इस वर्ष 3 मई 2022 को अक्षय तृतीया मनाई जायेगी.

अक्षय तृतीया (Photo Credits: File Image)

सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है. साल के साढ़े तीन अबूझ अथवा स्वयंसिद्ध मुहूर्तों में एक अक्षय तृतीया का दिन भी होता है, जब बिना शुभ-मुहूर्त के शुभ-मंगल कार्य किये जा सकते हैं. मान्यतानुसार इस दिन सोना, चांदी अथवा कोई भी कीमती वस्तु खरीदना शुभ होता है. इस वर्ष 3 मई 2022 को अक्षय तृतीया मनाई जायेगी. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार इस दिन दान-पुण्य, पूजा-पाठ एवं यज्ञादि करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसा करने से माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है. लेकिन इस दिन कुछ ऐसे भी कार्य हैं, जिन्हें करने से बचना चाहिए, वरना मां लक्ष्मी की नाराजगी आपके आर्थिक जीवन को नरक बना सकती है. आइए जानें किन कामों से परहेज रखना चाहिए.

* घर में गंदगी ना जमा होने दें. विशेषकर मंदिर के आसपास सफाई रखें. इस दिन लक्ष्मी पूजा से पूर्व घर एवं मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें. ध्यान रहे लक्ष्मीजी साफ-सुथरी जगहों पर ही वास करती हैं.

* इस दिन शराब, मांस, जुआ अथवा ड्रग्स का सेवन नहीं करना चाहिए. ना ही किसी गरीब, भिखारी अथवा वृद्धि व्यक्ति के साथ अपमानजनक व्यवहार नहीं करना चाहिए.

* इस दिन शाम को खाली हाथ घर नहीं लौटना चाहिए, अगर सोने का नहीं तो चांदी का आभूषण खरीदकर भी पुण्य की प्राप्ति हो सकती है. वरना धातु का कोई बर्तन ही खरीदें, लेकिन खरीदें जरूर. ऐसा करने से आपके घर में साल भर शुभता बनी रहती है.

* अक्षय तृतीया के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा का विधान है, लेकिन इस पूजा में भगवान विष्णु की साथ में पूजा नहीं करने से अशुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं, इसलिए लक्ष्मी जी एवं श्रीहरि की साथ-साथ पूजा करनी चाहिए.

* चूंकि इस दिन माँ लक्ष्मी की विशेष पूजा होती है, इसलिए इस दिन या रात में घर के अंदर-बाहर कहीं भी अंधेरा नहीं रहना चाहिए. किसी कोने में अगर अंधेरा है तो वहां घी का दीपक जलायें. इस दिन सायंकाल के समय भूलकर भी तुलसी की पूजा करना ना भूलें. तुलसी की पूजा करते समय दीपक अवश्य प्रज्वलित करना चाहिए.

* अक्षय तृतीया के दिन पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. दोनों को अलग-अलग सोना चाहिए. कोशिश करें कि इस दिन लहसुन एवं प्याज का भी सेवन नहीं करें.

* अक्षय तृतीया को दिन के समय सोने से बचना चाहिए. कोशिश करें इस दिन घर पर कीर्तन अथवा सत्यनारायण भगवान की कथा अथवा अखण्ड पाठ का आयोजन करें, लेकिन साथ में लक्ष्मी जी की भी विशेष पूजा करना ना भूलें.

* मान्यता है कि लक्ष्मी जी दान-पुण्य के कार्य से बहुत प्रसन्न होती हैं. इसलिए इस दिन घर आये भिखारी को खाली हाथ वापस नहीं लौटाना चाहिए. उसे धन, वस्त्र एवं भोजन में से कोई वस्तु अथवा सामर्थ्यानुसार ये सभी चीजें दान करें.

याद रखिये इस दिन माँ लक्ष्मी प्रसन्न होकर जो भी वरदान देती हैं अथवा अच्छे कार्य करके आप जो भी पुण्य अर्जित करते हैं, वह अक्षुण्ण होता है, यानी वह कभी घटता या खत्म नहीं होता है.

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