लखनऊ: अयोध्या मामले ( Ayodhya land case) में फैसले का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अयोध्या मामले (Ayodhya Case) सुनवाई जारी है. इसी बीच अलीगढ़ यूनिवर्सीटी (Aligarh Muslim University) के पूर्व वाइस चांसलर जमीरउद्दीन शाह ( Zameer Uddin Shah) सामने आया है, जिसमें वे कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्लियर होना चाहिए. फैसला पंचायती न हो. उन्होंने कहा अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अगर मुसलमानों के हक में आता है तो मस्जिद बनाना संभव होगा? यह असंभव है. लेकिन अगर पक्ष मुसलामनों के हक में आने पर देश में शांति बरकार रखने के लिए जगह हिन्दू भाइयों को सौंप दिया जाएगा. इसका एक समाधान होना चाहिए. मैं अदालत के निपटारे का पुरजोर समर्थन करता हूं.
पूर्व वाइस चांसलर जमीरउद्दीन शाह का यह बयान उस वक्त सामने आया जब वे गुरुवार को विभिन्न मुस्लिम तंजीमों के नवगठित छात्र संगठन ‘इंडियन मुस्लिम्स फॉर पीस' के बैनर तले एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की जमीन के स्वामित्व विवाद मामले की सुनवाई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले 17 अक्टूबर तक पूरी कर ली जायेगी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 37वें दिन की बहस समाप्त पर इस विवाद में चल रही सुनवाई पूरी करने की नयी तारीख 17 अक्टूबर निर्धारित की. पहले इस मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी करने का कार्यक्रम था.
Ex-Aligarh Muslim University VC Lt. Gen(retd) Zameer Uddin Shah on Ayodhya land case: Supreme Court should give clear verdict, it should not be panchayati at all. Even if SC gives judgment in favour of Muslims,will it be possible to build mosque there?It's impossible. 1/2 (10.10) pic.twitter.com/1er7eVXlT4
— ANI UP (@ANINewsUP) October 11, 2019
प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी ने राम मंदिर निर्माण के लिए देंगे सोने की ईंट
अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में प्रतिदिन सुनवाई चल रही है. इस बीच, एक शख्स ने राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए सोने की ईंट देने का ऑफर दिया है. इस शख्स का नाम है प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी (Prince Yakub Habeebuddin Tucy). ये खुद को आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर (Mughal Emperor Bahadur Shah Zafar) का वंशज बताते हैं.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा साल 2010 में सुनाए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कुल 14 याचिकाएं दायर की गई हैं. दरअसल, हाई कोर्ट ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन हिस्सों में सुन्नी वक्फ बोर्ड, राम लला और निर्मोही अखाड़े के बीच बांटने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक इस मामले का निपटारा नहीं हो पाया है.