जाकिर नाइक को लेकर मलेशिया की कैबिनेट में फूट, प्रधानमंत्री के फैसले के खिलाफ हुए मंत्री

बता दें कि मलेशिया प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के कैबिनेट के कई मंत्री नाइक को निष्कासित करने के पक्ष में हैं और ऐसा भी बताया जा रहा है कि नाइक को लेकर वहां की कैबिनेट की बैठक में हंगामा भी हुआ था.

मलेशिया के मंत्री एम कुला सेगरन और जाकिर नाइक

नई दिल्ली: अपने विवादित भाषणों के कारण विवादों में रहने वाले मुस्लिम धर्म उपदेशक जाकिर नाईक के प्रत्यापन को लेकर मलेशिया के मानव संसादन मंत्री एम कुला सेगरन ने बड़ा बयान दिया है. सेगरन ने कहा है कि नाइक को भारत भेजने का फैसला कानून के तहत होगा. उन्होंने आगे यह भी कहा कि सरकार या कोई एक व्यक्ति इस बारे में फैसला नहीं ले सकता. उनका इशारा प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद की ओर था जिन्होंने कुछ दिनों पहले कहा था कि वह जाकिर नाईक को आसानी से महज इसीलिए नहीं प्रत्यर्पित कर देंगे क्योंकि भारत ऐसा चाहता है.

मलेशिया के मंत्री ने आगे कहा कि कैबिनेट मीटिंग के दौरान जाकिर नाइक का मुद्दा उठा था और यह फैसला लिया गया कि कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी मगर भारत सरकार ने को औपचारिक रूप से आग्रह करना होगा.

बता दें कि कुछ दिनों पहले जाकिर नाइक को मलेशिया द्वारा भारत भेजने की खबर आई थी. हालांकि वहां के प्रधानमंत्री ने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि मलेशिया की सरकार ऐसा नहीं करेगी. उन्होंने कहा, "हम आसानी से दूसरे की मांगों का पालन नहीं करते हैं. हमें अपना जवाब देने से पहले सभी कारकों को देखना चाहिए."

बता दें कि मलेशिया प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के कैबिनेट के कई मंत्री नाइक को निष्कासित करने के पक्ष में हैं और ऐसा भी बताया जा रहा है कि नाइक को लेकर वहां की कैबिनेट की बैठक में हंगामा भी हुआ था.

जाकिर नाईक वर्तमान में मलेशिया का स्थायी निवासी है. वह धनशोधन व आतंकी संपर्क के आरोपों में भारत सरकार द्वारा वांछित है.

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