'मिशन शक्ति' पर पीएम मोदी के संबोधन को लेकर सीताराम येचुरी ने फिर जताई आपत्ति, कहा- दोबारा जांच करें चुनाव आयोग
माकपा (Communist Party of India (Marxist) महासचिव सीताराम येचुरी ने 'मिशन शक्ति' पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होने के चुनाव आयोग के फैसले को संकुचित बताते हुए
नई दिल्ली: माकपा (Communist Party of India (Marxist) महासचिव सीताराम येचुरी ने 'मिशन शक्ति' पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होने के चुनाव आयोग के फैसले को संकुचित बताते हुए शनिवार को आयोग से उनकी शिकायत पर व्यापक अर्थों में पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. येचुरी ने आयोग को जवाबी पत्र लिखकर कहा कि इस मामले में उनकी शिकायत पर आयोग की जांच ‘सरकारी मीडिया के दुरुपयोग’ पर ही सीमित रही. उल्लेखनीय है कि आयोग ने इस मामले में जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर शुक्रवार को येचुरी को भेजे जवाब में कहा कि आचार संहिता के भाग सात, पैरा चार के प्रावधानों के संदर्भ में प्रधानमंत्री के संबोधन से सरकारी मीडिया का दुरुपयोग नहीं हुआ है.
माकपा नेता ने इसे उनकी शिकायत की संकुचित व्याख्या बताते हुए कहा, ‘‘आयोग की जांच सिर्फ सरकारी मीडिया के दुरुपयोग तक सीमित रही. इस शिकायत में निहित व्यापक महत्व का मुद्दा यह था कि चुनावी दौड़ में शामिल प्रधानमंत्री ने चुनाव के दौरान हमारे वैज्ञानिकों की उपलब्धि का बखान किया. इससे प्रधानमंत्री कार्यालय का चुनावी मकसद से दुरुपयोग किए जाने का गंभीर मामला उत्पन्न हुआ है.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने संबोधन के तुरंत बाद खुद को न सिर्फ जमीन और आसमान का चौकीदार बताया बल्कि अंतरिक्ष का भी चौकीदार बताया. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं प्रधानमंत्री और भाजपा के अन्य नेता भी चुनाव अभियान में इस बात को लगातार कह रहे हैं कि मौजूदा सरकार ने इस उपलब्धि को हासिल करने का माद्दा दिखाया जबकि पिछली सरकार में यह कर दिखाने का साहस नहीं था.
येचुरी ने दलील दी कि सामान्यत: संबद्ध संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा इस उपलब्धि को देश के साथ साझा किया जाना चाहिए था लेकिन प्रधानमंत्री ने स्वयं यह काम करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री कार्यालय के दुरुपयोग का गंभीर मामला है.