केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा (Rajiv Gauba) ने कहा कि कई हिंसक कृत्यों और 1988 से आतंकवाद प्रभावित राज्य में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के कारण यासीन मलिक (Yasin Malik) नीत जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) पर शुक्रवार को प्रतिबंध लगा दिया गया. उसकी विध्वंसक और हिंसक गतिविधियों को सूचीबद्ध करते हुए गौबा ने कहा कि जेकेएलएफ ने कश्मीर घाटी में अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा दिया और आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की केंद्र सरकार की नीति के तहत यह कार्रवाई की गई है.
Union Home Secretary Rajiv Gauba: Jammu Kashmir Liberation Front led by Yasin Malik has spearheaded the separatist ideology in the valley and it has been at the forefront of separatist activities & violence since 1988. https://t.co/fHVpvQbbG5
— ANI (@ANI) March 22, 2019
उन्होंने कहा कि 1989 में जेकेएलएफ द्वारा कश्मीरी पंडितों की हत्याओं से घाटी से उनका पलायन शुरू हुआ. मलिक घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन का षडयंत्रकारी और उनके नरसंहार के लिए जिम्मेदार है. सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने अलगाववादी समूह पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया. इसके बाद उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जेकेएलएफ के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं. यह संगठन तत्कालीन वी पी सिंह सरकार में गृह मंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण और वायु सेना के चार कर्मियों की हत्या के लिए जिम्मेदार है. यह भी पढ़ें- पाकिस्तान नेशनल डे के मौके पर दिल्ली में पाक हाई कमीशन के बाहर से हिरासत में लिया गया एक शख्स
मलिक अभी जम्मू की कोट बलवाल जेल में बंद है. रूबिया सईद के अपहरण और श्रीनगर में चार वायुसेना कर्मियों की हत्या के तीन दशक पुराने मामलों में उसके मुकदमे का सामना करने की संभावना है.
जेकेएलएफ पर प्रतिबंध कश्मीर को खुली जेल में बदल देगा: महबूबा
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट पर प्रतिबंध एक “हानिकारक कदम” है जो कश्मीर को एक खुली जेल में बदल देगा. महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट में कहा, “ऐसे हानिकारक कदमों से कश्मीर सिर्फ खुली जेल में तब्दील होगा.”
भाषा इनपुट