बेंगलुरू, 18 फरवरी : कर्नाटक के लोकायुक्त ने राज्य के यादगीर जिले के गुरुमथकल के अनापुरा गांव में जल प्रदूषण के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और 80 से अधिक बीमार हो गए थे. घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त न्यायमूर्ति बी.एस. सूत्रों ने बताया कि पाटिल ने जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को मामले की गहन जांच करने और एक रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है.
न्यायमूर्ति पाटिल ने अपने आदेश में कहा है, कर्नाटक ग्राम स्वराज और पंचायत राज अधिनियम की धारा 58 के अनुसार, बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना और स्वच्छ पेयजल वितरित करना ग्राम पंचायतों की मूल जिम्मेदारी है. यदि अधिकारी सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने में विफल रहते हैं, तो यह नागरिकों के लिए संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है. यह भी पढ़ें : अश्लील फिल्में व धारावाहिकों में अश्लीलता युवाओं को कर रही प्रभावित: बाबा रामदेव
1 मार्च को एक रिपोर्ट की मांग करते हुए, उन्होंने कहा, संबंधित अधिकारियों ने लापरवाही दिखाई है और अनपुरा ग्रामीणों को पीने का पानी उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं. ग्रामीण विकास और पंचायत राज के मुख्य सचिव, पेयजल और स्वच्छता के निदेशक और यादगीर जिला परिषद सीईओ, तालुक पंचायत सीईओ और अनापुरा जिला पंचायत अध्यक्ष को मौके का निरीक्षण करने और मामले पर व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है.
लोकायुक्त ने घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और प्रदूषित पानी पीने के बाद बीमार हुए मरीजों के इलाज के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने का भी निर्देश दिया है. 15 फरवरी को प्रदूषित पानी पीने से तीन लोगों की मौत हो गई थी और 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. गांव में पीने के पानी की आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन में सीवरेज का पानी मिलने के बाद यह घटना हुई थी.