India Nasal Vaccine: भारत द्वारा कोविड के लिए विकसित विश्व की पहली इंट्रा-नासल वैक्सीन (Intra-Nasal Vaccine) को 18 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग में आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से स्वीकृति मंजूरी गई है. Winter Alert For Heart: शीत ऋतु में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा क्यों होते हैं? इससे बचने के लिए करें ये 5 आसान उपाय!
यह बात आज यहां केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमन्त्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थानों की सोसायटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही. साथ ही उन्होंने सुविधाजनक कामकाज, लागत-प्रभावशीलता और एकीकृत कार्यप्रणाली के हित में विभाग के 14 जैव प्रौद्योगिकी संस्थानों को मिलाकर एक संस्था के रूप में समाहित करने के ऐतिहासिक निर्णय के बारे में भी जानकारी दी.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि मिशन कोविड सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत उत्पाद विकास और नैदानिक परीक्षणों को जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और बाइरैक द्वारा वित्त पोषित किया गया था. इस वैक्सीन को प्राथमिक 2 खुराक कार्यक्रम और सजातीय उचित बूस्टर खुराक के लिए 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के अंतर्गत अनुमोदन प्राप्त हो गया है .
मंत्री महोदय ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) द्वारा कोविड के लिए विश्व के पहले इंट्रानेजल वैक्सीन के विकास में सहयोग के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग और उसके लोक उपक्रम जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बाइरैक- बीआईआरएसी ) की भूमिका की सराहना की.
iNCOVACC एक पूर्व-संलयन स्थिर SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के साथ एक पुनः संयोजक प्रतिकृति की कमी वाले एडेनोवायरस वेक्टरेड वैक्सीन है. बायोलॉजिकल ई के कॉर्बेवैक्स के बाद यह नेसल टीका भारत में दूसरा स्वीकृत कोविड -19 वैक्सीन है, जिसे मिक्स-एंड-मैच बूस्टर शॉट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.