ब्रिटिश फार्मास्युटिकल कंपनी AstraZeneca ने अपनी कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर किए गए खुलासे ने कोहराम मचा दिया है. इस खुलासे से भारत के सियासी गलियारों में भी गर्मी आ गई है. दरअसल एस्ट्राजेनेका ने पहली बार अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया है कि कोविड-19 के खिलाफ उसके टीके में TTS पैदा करने की क्षमता है. जो रक्त के थक्के जमने से जुड़ा एक दुर्लभ दुष्प्रभाव है. इस वैक्सीन को दुनियाभर में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड के नाम से बेचा गया. इसके बाद वे लोग चिंतित हो गए हैं जिन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई थी. कोराना वैक्सीन Covishield से हो सकते हैं दुर्लभ साइड इफेक्ट्स, कंपनी ने खुद कबूली ये बात.
इस बीच इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कौन सी वैक्सीन लगवाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को COVID-19 वैक्सीन लगाते हुए दिखाने वाला एक वीडियो फिर से ऑनलाइन सामने आया है. 2021 के वीडियो में पीएम नरेंद्र मोदी को दिल्ली के एम्स में COVID-19 वैक्सीन की पहली खुराक लेते हुए दिखाया गया है. 1 मार्च 2021 को भारतीय प्रधानमंत्री को भारत बायोटेक की कोवैक्सिन लगाई गई. पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल, 2021 को एम्स में COVID-19 वैक्सीन की अपनी दूसरी खुराक ली.
पीएम मोदी ने ली Covaxin:
Delhi: Prime Minister Narendra Modi takes his second dose of #COVID19 vaccine at AIIMS
He received the first dose of Bharat Biotech's COVAXIN on March 1 pic.twitter.com/8Skoware1Z
— ANI (@ANI) April 8, 2021
कोविशील्ड लगवाने वालों को खतरा
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश कोर्ट में स्वीकार किया है कि उनकी वैक्सीन से TTS का खतरा हो सकता है. यानी Blood Clotting, आसान भाषा में कहें तो इससे हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और प्लेटलेट्स गिरने का खतरा हो सकता है.
टीटीएस या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस रक्त के थक्कों का कारण बनता है और रक्त में प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है. यह कंपनी इस वक्त 51 मुकदमों का सामना कर रही है, जिनमें दर्जनों मामले उसके वैक्सीन से हुई मौतों और गंभीर साइड इफेक्ट के दावों के आधार पर दर्ज किए गए हैं.