दुनियाभर में कोरोना का प्रकोप अब भी जारी है. संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. कोरोना वायरस का प्रसार न हो और लोग सुरक्षति रहें. इसके मद्देनजर बड़ी-बड़ी कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन अपने कर्मचारियों को दिया है. वर्क फॉर्म होम के कारण अब कर्मचारी दफ्तर का ही काम अपने घर से कर रहे हैं. लेकिन वर्क फ्रॉम होम का यह ऑप्शन कई महीनों से चल रहा है. अब आलम यह है कि कई कर्मचारी ऑफिस को मिस कर रहे हैं. जेएलएल के एशिया पैसिफिक सर्वे (JLL’s Asia Pacific Survey) ने एक सर्वे किया है. जिसका शीर्षक उन्होंने 'होम एंड दूर: द न्यू वर्कप्लेस हाइब्रिड?' ( 'Home and away: The new workplace hybrid?) दिया. इस सर्वे के माध्यम से कहा गया है कि 82 प्रतिशत भारतीय ऑफिस से काम करना मिस करते हैं. उनका मानना है कि इसमें तालमेल का आभाव भी होता है.
जेएलएल के एशिया पैसिफिक सर्वे के मुताबिक पांच एशिया पैसिफिक मार्केट्स में बड़े कॉर्पोरेशन के 1500 कर्मचारियों से इस विषय में चर्चा की गई. जिसमें से 61 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो ऑफिस अब भी मिस करते हैं. जो कि भारत की तुलना में कम है. सर्वे में कहा है कि हाइब्रिड मॉडल को ज्यादा पसंद भारत और एशिया पैसिफिक के करेंगे. अधिकांश लोगों ने कहा है कि वे ऑफिस के अनुभवों, लाभ और लोगों के साथ इंट्रैक्शन, प्रोफेशनल माहौल को मिस कर रहे हैं.
बता दें कि ऑफिस से काम करने के दौरान कर्मचारियों के साथ मीटिंग, पर्सनल और प्रोफेशनल अटैच भी इसमें शामिल रहता है. लेकिन लॉकडाउन के कारण जब लोगों को वर्क फ्रॉम होम करना पड़ा तो उन्हें इन सभी का अभाव महसूस हो रहा है. वहीं वर्क फ्रॉम होम से घंटो तक वीडियो कॉल से जुड़े रहना और ऑफिस जैसा समय न तय होना, इन सभी का अभाव महसूस होता है.