नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों में एमपॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है. एमपॉक्स वायरस को ही मंकीपॉक्स वायरस के नाम से जाना जाता है. एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच दुनिया भर में इस बात की चिंता है कि यह बीमारी नया कोरोना साबित हो सकती है और इस वजह से दुनिया भर में फिर से लॉकडाउन लग सकता है. इस वायरस के खतरे को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने पहले ही ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी थी. इस बीच भारत भी अलर्ट मोड पर आ गया है.
दुनियाभर में हेल्थ एक्सपर्ट्स एमपॉक्स के बढ़ते मामलों पर नजर रख रहे हैं. इस बीच, एक बार फिर से लॉकडाउन की आशंका जताई जा रही है. अफ्रीकी देशों में इस बीमारी के तेजी से फैलने के बाद, लोग इस सवाल पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या हमें COVID-19 जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा.
Mpox Scare: कोरोना की तरह खतरनाक है एमपॉक्स? जानें WHO का कहना क्या है.
क्या फिर से लगेगा लॉकडाउन?
डब्ल्यूएच में यूरोप के रीजनल डायरेक्टर डॉ. हंस क्लुग से पूछा गया कि क्या मंकीपॉक्स का नया वेरिएंट एक और वैश्विक लॉकडाउन का कारण बन सकता है, तो उन्होंने इसे असंभव बताया. डॉ. क्लुग ने कहा कि वायरस के नए वेरिएंट को लेकर बेशक चिंता है लेकिन हम सब मिलकर इस बीमारी के संक्रमण को रोक सकते हैं. हालांकि अफ्रीका के बाद यूरोप में आए कुछ मामलों के बाद यूरोप के लोगों में भी डर है. एमपॉक्स का जो नया वेरिएंट Clade Ib आया है, वह बेहद खतरनाक है और इस बीमारी के कारण मौत का जोखिम 10 से 11 प्रतिशत तक है.
Mpox: ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी
एमपॉक्स हाल ही में एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य संकट के रूप में उभरा है. इस बीमारी का सबसे अधिक प्रकोप रिपब्लिक ऑफ कांगो में देखा गया है, जहां अब तक 450 लोगों की मौत हो चुकी है. कांगो से बाहर इस बीमारी के तेजी से फैलने और इसके खतरनाक प्रभाव को देखते हुए, WHO ने इसे एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है. एक्सपर्ट का कहना है कि नए वेरिएंट के बारे में हमें बहुत कुछ जानने की जरूरत है लेकिन वर्तमान हालात यह है कि यह बीमारी आसानी से फैल सकती है और गंभीर बन सकती है.
Mpox के लक्षण
एमपॉक्स के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 3 से 17 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं. इनमें बुखार, त्वचा पर दाने, सूजे हुए लिम्फ नोड्स, और थकान शामिल हैं. इस बीमारी का खतरा उन लोगों के लिए अधिक होता है जिनकी पहले से ही स्वास्थ्य स्थिति कमजोर है या जो संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए हैं.
क्या हमें चिंता करनी चाहिए?
एमपॉक्स एक गंभीर बीमारी है, जिसकी मृत्यु दर काफी अधिक है. इसके कारण हर 10 संक्रमित व्यक्तियों में से एक की जान जा सकती है. इस वायरस को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है. इसके कांगो से बाहर फैलने के बाद ही WHO ने इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है.
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि COVID-19 जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी, लेकिन इसके प्रसार को रोकने के लिए सतर्कता और सावधानी बरतना जरूरी है. लॉकडाउन की संभावना कम है, लेकिन व्यक्तिगत सुरक्षा और सामूहिक प्रयासों के बिना इस बीमारी से निपटना मुश्किल हो सकता है.