भारत में शतरंज को लोकप्रिय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे: अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली, 22 जून : केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने बुधवार को कहा कि एक खेल प्रेमी के रूप में वह भारत में शतरंज के खेल को लोकप्रिय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. भारत इस साल 28 जुलाई से 10 अगस्त तक चेन्नई में 44वें एफआईडीई शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी करने के लिए तैयार है और देश भर में इस खेल को बढ़ावा देने के लिए 75 शहरों में शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले का आयोजन किया जा रहा है.

खेल मंत्री बुधवार की सुबह शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले समारोह के धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) स्टॉपओवर में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे और उन्होंने ओलंपियाड की मेजबानी करने और युवा शतरंज उत्साही लोगों को मिलने का मौका देने के लिए अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) को बधाई दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 19 जून को नई दिल्ली के आईजी स्टेडियम में मशाल रिले का शुभारंभ किया था.

अनुराग ठाकुर ने एचपीसीए में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "भारत में शतरंज की एक लंबी विरासत और इतिहास है. शतरंज ओलंपियाड के इतिहास में भारत पहली बार इसकी मेजबानी कर रहा है और आजादी का अमृत महोत्सव से बेहतर अवसर क्या हो सकता है. शतरंज ओलंपियाड के दौरान कुल 188 देश, 2,000 से अधिक खिलाड़ी और 1,000 अधिकारी भारत आएंगे. एआईसीएफ को यह कदम उठाने और युवा शतरंज के प्रति उत्साही को अपने वरिष्ठ समकक्षों और ग्रैंडमास्टर्स से मिलने का मौका देने के लिए बधाई देता हूं." एचपीसीए में स्कूली छात्रों, साई केंद्र धर्मशाला के एथलीटों, एनवाईकेएस स्वयंसेवकों और हिमाचल शतरंज संघ के युवाओं सहित 500 लोगों की एक सभा ने इस कार्यक्रम में भाग लिया. शतरंज के ग्रैंडमास्टर दीप सेनगुप्ता ठाकुर को मशाल सौंपने और उसे शिमला ले जाने के लिए उपस्थित थे. यह भी पढ़ें :UP: आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिये बृहस्पतिवार को पड़ेंगे वोट

मशाल रिले लॉन्च समारोह को याद करते हुए ठाकुर ने कहा, "माननीय पीएम मोदी जी ने इस ऐतिहासिक मशाल रिले की शुरुआत की और उस दिन लगभग 10,000 लोग इस कार्यक्रम को लाइव देखने के लिए उपस्थित थे. अब, हमें इस लौ को हर नुक्कड़ तक पहुंचाना है और देश के कोने-कोने में इस खेल को पहुंचाना है." उन्होंने आगे कहा, "केंद्रीय खेल मंत्री और खेल प्रेमी के रूप में, मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि हिमाचल और भारत में शतरंज को लोकप्रिय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाए."