कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चुनाव के बाद हुई हिंसा (Violence) पर विशेष जांच दल (SIT) द्वारा दायर ताजा स्थिति रिपोर्ट को संज्ञान में लिया और सीबीआई (CBI) और एसआईटी को निर्देश दिया कि वे पहले या सुनवाई की अगली तारीख 23 दिसंबर को नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें. इससे पहले, अदालत ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के खिलाफ चुनाव बाद हिंसा के व्यापक आरोपों के बाद महिलाओं से दुष्कर्म, हत्या और अपराध के गंभीर अपराधों की जांच करने के लिए 19 अगस्त को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया था. अदालत ने हत्या, दुष्कर्म और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के अलावा अन्य मामलों की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया. West Bengal: पश्चिम बंगाल में ‘‘तलवार के बल पर’’ तृणमूल कांग्रेस में शामिल किए जा रहे विपक्षी नेता: कैलाश विजयवर्गीय
अदालत ने पिछली सुनवाई की तारीख में सीबीआई द्वारा दायर की गई स्थिति रिपोर्ट के साथ-साथ चुनाव के बाद की हिंसा के मामलों की जांच से संबंधित एसआईटी द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया था. नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी की पीठ ने सोमवार को एसआईटी द्वारा प्रस्तुत नई स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन किया और अपने आदेश में दर्ज किया.
पीठ ने कहा, "एसआईटी के वकील ने सीलबंद लिफाफे में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की, जिसे खोला गया है और इसका अवलोकन किया गया है. रिपोर्ट इंगित करती है कि कई मामलों की जांच चल रही है और एसआईटी उनकी निगरानी के लिए और कदम उठा रही है. इसलिए हमारा विचार है कि मामले की जांच में प्रगति को देखते हुए कुछ समय के बाद आगे की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की जरूरत है."
सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वाईजे दस्तूर ने पीठ को बताया कि सीबीआई जांच कर रही है और अब तक 40 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं. वकील ने कहा कि कई मामलों में आरोपपत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं.
इस पर पीठ ने कहा, "यह आपकी पिछली रिपोर्ट है, इस समय स्थिति क्या है?" जवाब में, एएसजी दस्तूर ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख से पहले एक नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाएगी. अदालत ने एसआईटी और सीबीआई, दोनों को सुनवाई की अगली तारीख 23 दिसंबर को या उससे पहले नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता प्रियंका टिबरेवाल ने अदालत को अवगत कराया कि चुनाव के बाद की हिंसा के कारण बैरकपुर में करीब 60 लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए. उन्होंने आगे कहा कि ऐसे व्यक्तियों को अभी भी अपने घरों में वापस जाने की अनुमति नहीं दी गई है. इस पर मुख्य न्यायाधीश श्रीवास्तव ने कहा, "क्या आपने अपने मामले में उन लोगों का ब्योरा रखा है? उन नामों को रिकॉर्ड में रखें, हम विचार करेंगे."
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा, "कुछ वकीलों ने यह मुद्दा उठाया कि कुछ व्यक्तियों को घरों से निकाल दिया गया है और उन्हें अपने कार्यस्थलों पर वापस जाने की अनुमति नहीं दी गई है. अधिवक्ता ऐसे व्यक्तियों का विवरण देते हुए एक अर्जी दायर करें. जनरल ने आश्वासन दिया है कि वह इस पर गौर करेंगे."