कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की ममता सरकार (Mamta Government) ने कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें कोर्ट ने बीजेपी को लोकतंत्र बचाओ रथयात्रा (BJP Rath Yatra) के लिए हरी झंडी दिखाई. दरअसल, बीजेपी ने पूरे राज्य में रथयात्रा की अनुमति पाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी और इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बीजेपी को रथयात्रा की इजाजत दे दी. हालांकि इस दौरान कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दलीलों को मानने से इंकार कर दिया.
अदालत ने कहा कि कल्पना के जरिए डर को वजह नहीं बनाया जा सकता और उस आधार पर सांप्रदायिक हिंसा के कयास नहीं लगाए जा सकते. कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात रखने और कहने का अधिकार है.
कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा बीजेपी को रथयात्रा की अनुमति दिए जाने के बाद अब ममता सरकार ने इस फैसले को चुनौती दी है. अब इस मामले को ममता सरकार शुक्रवार को यानी कल चीफ जस्टिस की बेंच के सामने पेश करेगी.
West Bengal Govt approaches Chief Justice's division bench challenging the single bench order of Calcutta High Court's permission for yatras by BJP in the state. The matter will be placed before the Chief Justice bench tomorrow.
— ANI (@ANI) December 20, 2018
दरअसल, कुछ समय पहले बीजेपी की रथयात्रा पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रोक लगा दी थी, जिसके बाद इसकी अनुमति पाने के लिए बीजेपी ने कलकत्ता हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी और कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीजेपी को लोकतंत्र बचाओ यात्रा के लिए सशर्त अनुमति दे दी. यह भी पढ़ें: बीजेपी की रथयात्रा को कलकत्ता हाई कोर्ट ने दी मंजूरी, ममता सरकार को बड़ा झटका झटका
Calcutta High Court gives permission for the three yatras of BJP in West Bengal, directs that the administration should ensure that there is no breach of law and order. pic.twitter.com/e7SGSk8uRH
— ANI (@ANI) December 20, 2018
गौरतलब है कि टीएमसी सरकार ने रथयात्रा पर रोक लगाने के पीछे दलील पेश करते हुए था कि राज्य में रैली की वजह से होने वाले सांप्रदायिक सौहार्द्र पर मंडराते खतरों को देखते हुए इस पर रोक लगाई थी, लेकिन सुनवाई के दौरान बीजेपी के वकील ने कहा कि देश में किसी भी राजनैतिक पार्टी को रैली करने का संवैधानिक अधिकार है.