कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक और पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य की संपत्ति जब्त करने के उसी अदालत द्वारा पारित पहले के आदेश को खारिज कर दिया.
न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ ने पैसों के बदले स्कूल में नौकरी मामले में भट्टाचार्य पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा पारित पहले के आदेश को भी खारिज कर दिया है. Ranchi: आवासीय स्कूल की अव्यवस्था से त्रस्त छात्राओं के सब्र का टूटा बांध, एनएच पर धरने पर बैठीं
पहले के आदेशों की बर्खास्तगी से तृणमूल विधायक को कुछ राहत मिली है. माणिक भट्टाचार्य वर्तमान में स्कूल नौकरियों के मामले में कथित संलिप्तता के लिए न्यायिक हिरासत में हैं. माणिक भट्टाचार्य की पत्नी सतरूपा भट्टाचार्य इसी मामले में न्यायिक हिरासत में थीं. हाल ही में उन्हें कलकत्ता हाईकोर्ट ने जमानत पर सशर्त जमानत दी थी, जिसके बाद वह जेल से रिहा हो गईं.
27 फरवरी को न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पूर्व डब्ल्यूबीबीपीई अध्यक्ष पर वित्तीय जुर्माना लगाने के साथ-साथ उनकी संपत्ति और संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया था.
इस आदेश के बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा में बैठने वाले दो उम्मीदवारों की शिकायतें आईं कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत उनकी ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट की प्रतियां मांगने के बावजूद, डब्ल्यूबीबीपीई ने उनके द्वारा मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए.