Patna: नौकरी के लिए Myanmar गया सॉफ्टवेयर इंजीनियर, हो गया Kidnap; विदेशी अपराधियों के चंगुल से ऐसे छुटा Bihar का सचिन

बिहार की राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां एक युवक को नौकरी के नाम पर म्यांमार ले जाकर बंधक बना लिया गया था, जिसे अब पटना पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की मदद से सकुशल वापस लाया गया है.

Patna Engineer Released from Myanmar: बिहार की राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां एक युवक को नौकरी के नाम पर म्यांमार ले जाकर बंधक बना लिया गया था, जिसे अब पटना पुलिस (Bihar Police) और केंद्रीय एजेंसियों (Central Agencies) की मदद से सकुशल वापस लाया गया है. इस मामले में विदेश मंत्रालय, आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और भारतीय दूतावास (Indian Embassy) की अहम भूमिका रही. जानकारी के अनुसार, पेशे से Computer Science Engineer सचिन कुमार सिंह को नेपाल निवासी एजेंट धर्मेंद्र चौधरी ने विदेश में भारी-भरकम पैकेज पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया था.

उन्हें 12 लाख रुपये सालाना पैकेज और वर्क वीजा (Work Visa) का लालच देकर पटना से कोलकाता, फिर बैंकॉक ले जाया गया और लगभग 12 घंटे की सड़क यात्रा के बाद म्यांमार ले जाया गया.

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सचिन की घरवापसी पर पुलिस की प्रतिक्रिया

5000 डॉलर की फिरौती भी मांगी

शुरुआत में सचिन को एक कंपनी में नौकरी मिल गई, लेकिन कुछ महीनों बाद उसे एक साइबर फ्रॉड सेंटर (Cyber ​​Fraud Centre) में बंधक बनाकर ठगी का काम करने के लिए मजबूर किया गया. सचिन का पासपोर्ट और मोबाइल छीन लिया गया. जब उसने काम करने से इनकार किया, तो उसे बिजली के झटके दिया गया और मारपीट करके प्रताड़ित किया गया.

इस दौरान, Kidnapper ने उसके परिवार से 5000 डॉलर की फिरौती भी मांगी और धमकी दी कि अगर पैसे नहीं मिले, तो उसके शरीर के अंग बेच दिए जाएंगे.

परिवार की गुहार और पुलिस कार्रवाई

पीड़ित की मां मीना देवी ने 26 जून को दानापुर थाने (Danapur Police Station) में शिकायत दर्ज कराई थी. मामला प्रकाश में आते ही पटना के सिटी एसपी पश्चिम भानु प्रताप सिंह (SP Bhanu Pratap Singh) ने एक एसआईटी गठित की और खुद इसकी निगरानी शुरू कर दी. दलालों की तलाश में पुलिस ने सुनील नाम के एक दलाल को गिरफ्तार कर लिया और बाकी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. इस मामले में विदेश मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास से लगातार संपर्क किया गया.

कई हफ्तों की कोशिशों के बाद, दूतावास ने सचिन को म्यांमार स्थित स्थानीय सैन्य शिविर तक सुरक्षित पहुंचाया और फिर 27 अगस्त को उसे दिल्ली भेज दिया गया. पटना पुलिस की टीम ने वहां से सचिन को बरामद किया और उसे परिवार को सौंप दिया.

पुलिस की अपील

पुलिस अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे विदेश में नौकरी के नाम पर किसी भी एजेंट या दलाल पर भरोसा न करें. बड़े पैकेज और आसान वीजा के लालच में लोग अक्सर ऐसे जाल में फंस जाते हैं, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

पटना पुलिस और विभिन्न एजेंसियों के समन्वय से सचिन की जान बच गई. लेकिन इस घटना ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि फर्जी एजेंटों का जाल कितना खतरनाक हो गया है और इससे बचने के लिए जागरूक होना बेहद जरूरी है.

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