जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ चल रही मुठभेड़ आखिरकार सातवें दिन खत्म हो गई है. एक सप्ताह के अन्दर सुरक्षाबलों ने तीन अधिकारियों की शहादत का बदला ले लिया है. कोकरनाग के पीर पंजाल की पहाड़ियों पर छिपे लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर उजैर खान (Uzair Khan) को ढेर कर दिया है. सुरक्षा बलों ने उजैर खान के साथ एक और आतंकी का शव बरामद भी किया है. जम्मू-कश्मीर के एडीजीपी पुलिस विजय कुमार ने बताया, "अनंतनाग के कोकरनाग में चल रही मुठभेड़ खत्म हो गई है, लेकिन तलाशी अभियान जारी है. लश्कर कमांडर उजैर खान को मार दिया गया है. उसके हथियार भी बरामद कर लिए गए हैं. उजैर के साथ एक और आतंकवादी का शव भी बरामद हुआ है." J&K: कैसे TRF का मुखौटा पहनकर पाकिस्तान कश्मीर में फिर लाना चाहता है आतंक का पुराना दौर, ये है असली मकसद.
12 सितंबर को सेना ने शुरू किया था ऑपरेशन
सुरक्षाबलों ने अनंतनाग के कोकरनाग में आतंकियों के खिलाफ ये ऑपरेशन 12 सितंबर को शुरू किया था, जो अगले दिन मुठभेड़ में बदल गई और सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए थे. इसके बाद आतंकी वहां से भाग गए थे. इन्हीं आतंकियों की तलाश के लिए यह ऑपरेशन चलाया गया था. सुरक्षाबलों ने घने वन क्षेत्र में ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिए आतंकियों को ढूंढ कर मार. बुधवार को शुरुआती मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारियों और एक पुलिस उपाधीक्षक के शहीद होने के बाद से आतंकवादी छिपे हुए थे.
कमांडर उजैर खान ढेर
सुरक्षाबलों ने इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैय्यबा का कमांडर उजैर खान को मार गिराया. इस मुठभेड़ में उजैर का शव भी बरामद कर लिया गया है. सेना ने इसका नाम 'ऑपरेशन गैरोल' दिया था, क्यों कि जिस इलाके में आतंकी छिपे हुए थे, वह कोकरनाग का गैरोल गांव है.
कौन था उजैर खान
उजैर खान कोकेरनाग का ही रहने वाला थे. यह लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर था. इसकी उम्र 28 साल थी. सेना को लंबे समय से उजैर खान की तलाश थी. यह पहले भी कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है. जानकारी के मुताबिक, उजैर 26 जुलाई 2022 से लापता था. जानकारी के मुताबित यह लश्कर-ए-तैयबा से जून 2022 से जुड़ा हुआ था. उजैर खान A+ कैटेगरी का आतंकवादी है इस पर 10 लाख रुपये का इनाम भी था.