पहाड़ों में बर्फबारी के बाद मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ने लगी है, आने वाले समय में दिल्ली में ठंड का असर देखने को मिलेगा. सोमवार को दिल्ली में 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं आगामी 24 और 25 नवंबर को तमिलनाडु औऱ पुडुचेरी में अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. इसी के तहत कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के मुख्य सचिवों के साथ आगामी चक्रवात की स्थिति की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक की.
आन्ध्र, तमिलनाडु में चक्रवती तूफान पर अलर्ट
दरअसल राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम और बंगाल की खाड़ी से सटे दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में बना दबाव पिछले छह घंटों में उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है. यह दबाव पुडुचेरी से दक्षिण, दक्षिण-पूर्व में लगभग 600 किमी और चेन्नई के दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में 630 किमी दूरी पर स्थित हो गया. इसके कारण अगले 24 घंटे के दौरान बढ़कर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। यह चक्रवाती तूफान 25 नवंबर की दोपहर के आसपास उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने और तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटों के बीच कराइकल और ममल्लापुरम को पार कर जाने की संभावना है। चक्रवात 24 से 26 नवंबर के बीच आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करेगा. यह भी पढ़े: Cyclone Amphan: कोरोना संकट के बीच मंडराया चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ का खतरा, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मछुआरों को चेतावनी
मछुआरों को चेतावनी दी जाती है कि वे 23-25 नवंबर के दौरान बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्वी समुद्र, मन्नार की खाड़ी और तमिलनाडु, पुडुचेरी, दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों से दूर समुद्र में न जाएं.इसके साथ ही इस समय समुद्र में जा चुके मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी जाती है. उत्तर सोमालिया के ऊपर गंभीर चक्रवाती तूफ़ान "गति" बीते छह घंटे के दौरान लगभग 09 किमी प्रति घंटे की गति के साथ पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और उसी क्षेत्र पर एक चक्रवाती तूफान के रूप में कमजोर हो गया है.वह अब रास बिन्ना (सोमालिया) के 150 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित हो गया है.
कैबिनेट सचिव ने की समीक्षा
इसके अलावा सोमवार को हुई कैबिनेट सचिव की बैठक में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के मुख्य सचिवों ने एनसीएमसी को उनकी तैयारियों के बारे में जानकारी दी और बताया कि अधिकारी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने इस चुनौती को पूरा करने के लिए एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय की भी जानकारी दी.
कैबिनेट सचिव ने कहा कि सरकार की मंशा जनहानि को रोकना और प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति की जल्द बहाली करना है। उन्होंने कहा कि मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 'कच्चे घरों' में रहने वाले लोगों को स्थिति के अनुसार उपयुक्त सलाह दी जाए.