मुंबई: देश में भले की धर्म और जाति को लेकर जितनी भी राजनीति हो. लेकिन इसके विपरीत सच्चाई है. अक्सर हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिशाल भी सामने आती रहती है. बावजूद इसके धर्म के ठेकेदार भड़काऊ भाषण देने और समाज को बांटने का काम करते है. खैर ऐसे लोगों की बोलती बंद करने का काम ताजा मामले के जरिए हो रहा है. बता दें कि देश में मॉब लिंचिंग के कई मामले सामने आ रहे हैं. जिसमे भीड़ शक के बुनियाद पर लोगों को अपना शिकार बनाती है जिससे उन्हें अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है.
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में बच्चे चोरी होने की अफवाह के बीच मनमाड में एक मुस्लिम युवक ने अपनी जान की परवाह किये बगैर पांच हिंदुओं की जान बचाई. इस वाकये को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है. साथ ही जिसने भी इस घटना के बारे में सुना वह तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाया.
इस युवक ने जिन लोगों को जान बचाई उसमे एक महिला और मासूम बच्चा भी शामिल है. यह पूरा मामला मनमाड के आजाद नगर इलाके का है. जानकारी के अनुसार यहां एक महिला और एक बच्चे सहित पांच लोगों को बच्चा चोर गैंग समझकर हजारों लोगों की भीड़ ने घेर लिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी.
उग्र भीड़ इन सभी को पीट-पीटकर मार डालती, इसके पहले वहां रहने वाला वसीम नाम का युवक सामने आया. वसीम ने उग्र भीड़ को समझाने की कोशिश की कि ये सभी बच्चा चोर गिरोह के सदस्य नहीं है. इसके बाद भी लोगों का आक्रोश कम नहीं हुआ तो वसीम ने अपनी जिंदगी जोखिम में डालते हुए सभी को उग्र भीड़ के चंगुल से बचाया और अपने घर में शरण दी.
फिर क्या था ऐसे करने के बाद भीड़ बेकाबू हो गयी और वसीम के घर पर हमला कर दिया. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस आनन-फानन में मौके पर पहुंची. पुलिस को देख कुछ लोगों ने उनपर हमला बोल दियाऔर गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी.
हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा जिसके बाद मामला शांत हुआ. बहरहाल वसीम द्वारा किये गए इस बहादुरी को सभी ने सराहा.