Vodafone Idea Shares: वोडाफोन-आइडिया के शेयरों में उछाल, लगातार तीसरे दिन दिखाई मजबूती... जानें वजह
Vodafone Idea Plans To Raise $2.9 Billion In Loans To Boost Network

Vodafone Idea Shares: देश की प्रमुख दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया (Vi) के शेयरों में इस हफ्ते जबरदस्त तेजी देखी गई है. शुक्रवार को कंपनी के शेयर 10 फीसदी उछलकर 7.27 रुपये पर पहुंच गए और अपर सर्किट (Upper Circuit) में फंस गए. यह तेजी लगातार तीसरे दिन दर्ज की गई, जिससे निवेशकों का उत्साह साफ झलकता है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के अनुसार, दोपहर 1:50 बजे तक 83 करोड़ से ज्यादा  शेयरों का कारोबार हुआ, जिनकी कीमत करीब 572 करोड़ रुपये थी. यह आंकड़ा पिछले 10 दिनों के औसत कारोबार से कहीं ज्यादा है.

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शेयर बाजार में बढ़ा कारोबार

पिछले पांच दिनों में कंपनी के शेयर में करीब 11 फीसदी की तेजी आई है, जबकि पिछले एक महीने में इसमें 5 फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई है. हालांकि, छह महीनों में इस शेयर ने करीब 7.5 फीसदी का नुकसान भी पहुंचाया है.

क्यों चढ़ रहा है शेयर?

तेजी की एक बड़ी वजह सरकार की संभावित योजना मानी जा रही है, जिसमें कंपनी में एक नए रणनीतिक निवेशक (Strategic Investors) को लाने की तैयारी चल रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार एक ऐसे निवेशक की तलाश में है, जो लगभग 1 अरब डॉलर (करीब 8,800 करोड़ रुपये) का निवेश करने को तैयार हो. बदले में निवेशक को वोडाफोन-आइडिया में 12-13 प्रतिशत हिस्सेदारी मिल सकती है.

इस सौदे में आदित्य बिड़ला समूह (Aditya Birla Group) और ब्रिटेन की वोडाफोन अपनी कुछ हिस्सेदारी कम कर सकती हैं. सरकार चाहती है कि कंपनी में उसका निवेश फिलहाल बरकरार रहे, लेकिन नए निवेशक को कंपनी को आगे बढ़ाने और नई रणनीतियों पर काम करना चाहिए.

भारी कर्ज के बोझ तले दबी कंपनी

वोडाफोन-आइडिया पर फिलहाल लगभग 83,400 करोड़ रुपये का AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) बकाया है. मार्च 2025 से हर साल लगभग 18,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. कंपनी कई बार स्पष्ट कर चुकी है कि नई फंडिंग के बिना काम करना मुश्किल है, क्योंकि बैंक ऋण देने में हिचकिचा रहे हैं.

कंपनी की रणनीति

कंपनी के निवर्तमान सीईओ अक्षय मुंद्रा (CEO Akshay Mundra) ने हाल ही में कहा कि वोडाफोन-आइडिया पूंजीगत व्यय (Capex) जारी रखने के लिए गैर-बैंकिंग स्रोतों से धन जुटाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने सरकार से 2026 की समय सीमा से पहले एजीआर विवाद को सुलझाने की अपील की है ताकि बैंकों का विश्वास फिर से जीता जा सके.

इस तेजी ने निवेशकों में उम्मीद जगाई है कि अगर आने वाले समय में कोई बड़ा निवेशक जुड़ता है, तो वोडाफोन-आइडिया की स्थिति में सुधार हो सकता है और शेयर में और भी मजबूती देखने को मिलेगी.