Ajmer Dargah Row: अजमेर दरगाह मामले में हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को मिली जान से मारने की धमकी, कनाडा से आया फोन; VIDEO
(Photo Credis @ABP News)

Ajmer Dargah Row:  अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर का दावा करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता (Vishnu Gupta) को जान से मारने की धमकी मिली है. धमकी भरा यह कॉल कनाडा से आया है. क्योंकि फोन करने वाले ने खुद बता रहा है कि वह कनाडा से फोन कर रहा है. धमकी भरे फोन का आडियो खुद विष्णु गुप्ता ने सोशल मीडिया पर वायरल किया है.

ऑडियो में सूना जा सकता है कि धमकी देने वाले ने विष्णु गुप्ता को फोन कर कहा कि तेरा सर कलम कर दिया जाएगा. गर्दन काट दी जाएगी. तुमने अजमेर दरगाह का केस फाइल करके बहुत बड़ी गलती कर दी. विष्णु गुप्ता को धमकी मिलने के बाद उन्होंने मामले में दिल्ली के बाराखंभा पुलिस थाने में दर्ज कराई है. यह भी पढ़े: Sambhal Masjid Case: संभल जामा मस्जिद में जमकर हुआ अवैध निर्माण, ASI ने कोर्ट में दायर किया हलफनामा

विष्णु गुप्ता को मिली जान से मारने की धमकी:

जानें विष्णु गुप्ता ने क्या कहा:

इस मामले में विष्णु गुप्ता ने कहा कि हम ऐसे धमकियों से डरने वाले नहीं हैं. हम कानून के तहत काम कर रहे हैं और कोर्ट जाना हमारा अधिकार है. हम कोर्ट के माध्यम से अपने मंदिरों को वापस लेकर रहेंगे और अजमेर दरगाह संकट मोचन महादेव मंदिर था है और रहेगा. विष्णु गुप्ता ने कहा कि उनके पास दो फोन कॉल आई है. एक कॉलर ने खुद को कनाडा तो दूसरा भारत से है. फोन करने वाले ने उन्हें जान से मार देने की धमकी दी है.

बता दें कि अजमेर की एक सिविल अदालत ने बुधवार को सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचक महादेव मंदिर की स्थिति से संबंधित याचिका को स्वीकार करते हुए सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है, इस मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को निर्धारित की गई है.

हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दायर की है याचिका:

यह याचिका हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा वकील शशि रंजन कुमार सिंह के माध्यम से 26 सितंबर को दायर की गई थी. इस याचिका में दरगाह के नीचे हिंदू मंदिर होने का दावा किया गया है.

इससे पहले अजमेर दरगाह मामले पर भाजपा नेता अरुण चतुर्वेदी ने कहा था कि इतिहास को बहुत बुरी तरह तोड़ा गया और सदियों तक हिंदू मंदिरों पर योजनाबद्ध तरीके से हमले हुए। इसके बाद कहीं न कहीं इसे मस्जिद या किसी मजार का रूप दिया गया.