औरंगजेब विवाद के बाद नागपुर में भड़की हिंसा, धार्मिक किताब जलाने की अफवाह पर हुई झड़प; कई पुलिसकर्मी घायल
नागपुर में सोमवार को अचानक हिंसा भड़क गई जब अफवाह फैली कि एक धार्मिक ग्रंथ को जला दिया गया है. इस घटना के बाद शहर के कई इलाकों में तनाव फैल गया और पुलिस पर पथराव होने लगा.

नागपुर में सोमवार को अचानक हिंसा भड़क गई जब अफवाह फैली कि एक धार्मिक ग्रंथ को जला दिया गया है. इस घटना के बाद शहर के कई इलाकों में तनाव फैल गया और पुलिस पर पथराव होने लगा. हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा. इस हिंसा में अब तक चार लोग घायल होने की खबर है. हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए.
मामला तब शुरू हुआ जब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास औरंगजेब की मजार हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान यह अफवाह फैल गई कि प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम समुदाय के धार्मिक ग्रंथ को जलाया गया है. देखते ही देखते यह अफवाह सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई, जिससे समुदाय विशेष के लोग गुस्से में सड़कों पर उतर आए.
नागपुर में भड़की हिंसा
नितिन गडकरी की जनता से अपील
केंद्रीय मंत्री और नागपुर के सांसद नितिन गडकरी ने कहा, "कुछ अफवाहों के कारण नागपुर में धार्मिक तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. शहर का इतिहास ऐसे मामलों में शांति बनाए रखने के लिए जाना जाता है. मैं अपने सभी भाइयों से आग्रह करता हूं कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें. सड़कों पर न निकलें. कानून व्यवस्था में सहयोग करें. शांति और सद्भाव की परंपरा को बनाए रखें जिसके लिए नागपुर जाना जाता है.
अफवाहों पर ध्यान न दें: नितिन गडकरी
नितिन गडकरी ने कहा, "मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि सरकार उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जिन्होंने गलती की है या अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं. मुख्यमंत्री को पहले ही इस स्थिति के बारे में सूचित किया जा चुका है, इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि अफवाहों पर ध्यान न दें. कृपया पुलिस प्रशासन का सहयोग करें, प्रेम बढ़ाएं और शहर में सकारात्मक माहौल बनाए रखें. यह मेरी आप सभी से विनम्र विनती है."
पुलिस पर हमला, वाहन जलाए गए
माहौल बिगड़ते ही नागपुर के महल, कोतवाली, गणेशपेठ और चितनिस पार्क इलाकों में भारी भीड़ जमा हो गई. पुलिस के अनुसार, हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और कई जगहों पर हिंसा भड़क उठी. चितनिस पार्क से लेकर शुक्रवारी तालाब तक के इलाके में हालात सबसे ज्यादा खराब रहे, जहां उपद्रवियों ने चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया. वहीं, कई घरों पर भी पत्थरबाजी की गई.
बजरंग दल का दावा
बजरंग दल के पदाधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज किया है और दावा किया कि उन्होंने सिर्फ औरंगजेब का पुतला जलाया था. संगठन ने कहा कि धार्मिक ग्रंथ जलाने की बात पूरी तरह अफवाह है, जिसे जानबूझकर फैलाया गया ताकि माहौल खराब किया जा सके.
शहर में कड़ी सुरक्षा, पुलिस का अलर्ट
पुलिस ने माहौल बिगड़ते देख शहर में सुरक्षा बढ़ा दी है. दंगा नियंत्रण बल (Riot Control Police), क्विक रिस्पांस टीम (QRT), और राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है. पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और हिंसा फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
फिलहाल पूरे शहर में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है और माहौल को शांत करने के प्रयास किए जा रहे हैं. प्रशासन की अपील है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें.