Vande Bharat In Demand: विपक्ष के नेताओं को भी अपने क्षेत्र में चाहिए वंदे भारत ट्रेन, रेल मंत्रालय को मिले 170 से अधिक अनुरोध
Vande Bharat Express | Photo: PTI

नई दिल्ली: वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Exptress) की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. हाई-स्पीड और आरामदायक यात्रा के साथ-साथ कई अत्याधुनिक सुविधाओं के चलते वंदे भारत ट्रेन बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रही है. इसका ही नतीजा है कि रेल मंत्रालय (Railway Ministry) को विभिन्न पार्टियों के नेताओं से उनके निर्वाचन क्षेत्र में वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने के लिए 170 से अधिक अनुरोध प्राप्त हुए हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी के अलावा, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू, केरल के मुख्यमंत्री पिनयारी विजयन सहित कई प्रमुख विपक्षी नेताओं ने भी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने का अनुरोध किया है. विपक्षी दलों के सांसदों ने नई लोकप्रिय ट्रेन के लिए केंद्र से मांग की है. Vande Sadharan: अब कम खर्च में कर सकेंगे वंदे भारत जैसी ट्रेन की यात्रा, रेलवे ला रहा है 'वंदे साधारण'

वंदे भारत के लिए सबसे अधिक अनुरोध बीजेपी विधायकों की ओर से मिले हैं. वहीं आप, सीपीएम और एनसीपी द्वारा तीन-तीन अनुरोध किए गए हैं. तृणमूल कांग्रेस, जद(यू) और बहुजन समाज पार्टी द्वारा दो-दो; और कांग्रेस द्वारा 16 अनुरोध मिले हैं. इसके अलावा शिवसेना के 10 विधायकों और वाईएसआर कांग्रेस के छह विधायकों ने भी वंदे भारत ट्रेन सेवाओं के लिए अनुरोध किया है.

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुंबई और बेंगलुरु के बीच सेमी हाई स्पीड ट्रेन शुरू करने की मांग की है. आंध्र प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कुप्पम में मैसूरु-बेंगलुरु-चेन्नई वंदे भारत ट्रेन के स्टॉप की मांग की है.

पिछले सप्ताह ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया था कि इस ट्रेन की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लग सकता है कि इसकी ऑक्यूपेंसी 99.6 फीसदी तक रहती है. इसकी वजह ये है कि दूसरी ट्रेनों से ज्यादा किराया होने के बावजूद यह ज्यादा आरामदायक और इससे यात्रा में दूसरी ट्रेनों के मुकाबले काफी कम समय लगता है. मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, "चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में वंदे भारत ट्रेनों का कुल उपयोग उत्कृष्ट 99.60 फीसदी दर्ज किया गया है."

रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "राज्यों में इन ट्रेनों की भारी मांग है. सांसदों और विधायकों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर अपने अनुरोध भेजे हैं. किसी भी रूट पर इन ट्रेनों को शुरू करने का निर्णय एक समिति द्वारा किया जाता है, जो कई कारकों को ध्यान में रखती है."