मुंबई:- चीन (China) में उइगर मुस्लिमों (Uyghur muslim) की क्या दशा है इससे पूरी दुनिया वाकिफ है. उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चीन का दमन अपने चरम पर है चीन हर दिन मानवता की सीमाएं लांघता जा रहा है. कई देशों और मानवाधिकार संस्थानों ने भी चीन की इस मनमानी के खिलाफ अपनी आवाज मुखर की है. लेकिन अब भारत में चीन का विरोध होना शुरू हो गया है. चीन के अत्याचारों के खिलाफ रज़ा अकादमी (Raza Academy) के अध्यक्ष एम सईद नूरी (M Saeed Noori) और कई सदस्यों ने चीनी दूतावास (Chinese Consulate) के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. जिसके बाद एम सईद नूरी ने 5 सदस्यों के साथ आज मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन (Marine Drive Police) द्वारा उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
बता दें कि कुछ दिनों पहले चीन से जुड़ी एक रिपोर्ट आई थी. जिसमें कहा गया था कि चीन में बसे उइगर मुसलमानों को जबरदस्ती सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कई लाख लोग कैंप में बंदी हैं. जिन्हें चीन यातनाएं दे रहा है. चीन में उइगरों और अन्य अल्पसंख्यकों का जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले शिविर, जबरन मजदूरी और जातीय एवं धार्मिक पहचान मिटाने की कोशिश करने जैसी खबरें अक्सर आती रहती हैं. China Bans 105 Apps: चीन ने 'Trip Advisor' समेत दुनिया की 105 ऐप पर लगाया बैन, बताई यह बड़ी वजह.
ANI का ट्वीट:-
President of Raza Academy M Saeed Noori along with 5 members detained today by Marine Drive Police station for protesting outside the Chinese Consulate against the Chinese atrocities on Uighur Muslims: Mumbai Police pic.twitter.com/mmheLdMqy2
— ANI (@ANI) December 10, 2020
इतना ही नहीं चीन में लगभग 65 फीसदी मस्जिदों को ढहा दिया गया है. कई उइगर स्कॉलर्स भी 2017 में गायब हुए थे. जिनका अब तक कोई पता नहीं चला है. चीन के खिलाफ कई देशों में अब आवाज उठने लगी है. इसी कड़ी में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के अशांत मुस्लिम बहुल शिनजियांग क्षेत्र में उइगर अल्पसंख्यक समूहों के मानवाधिकार उल्लंघन की आलोचना करने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर कर उसे कानूनी जामा पहनाया था.